ऋषिकेश : लोक पर्व इगास-बग्वाल को शानदार ढंग से देश के सामने रखा ‘अलोहा ऑन द गंगेज रिज़ॉर्ट’ ने, मनमोहक प्रस्तुति
- उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं लोक पर्व को बढावा देता अलोहा ऑन द गंगेज रिज़ॉर्ट, इगास पर्व के नाम एक शाम।
मनोज रौतेला की रिपोर्ट-
ऋषिकेश : लोक पर्व, लोक संगीत और लोक व्यंजन यानी तीनों का मिश्रण जहां पर हो और मां गंगा का किनारा हो तो क्या बात है…समझो आत्मिक संतुष्टि आपको देवभूमि आ कर ही मिल सकती है और उत्त्तराखण्ड में उस जगह का नाम है ऋषिकेश के पास तपोवन में स्थित “अलोहा ऑन द गंगेज रिज़ॉर्ट”।
गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अलोहा ऑन द गंगेज रिज़ॉर्ट तपोवन द्वारा लोक संस्कृति एवं पर्यटन को बढावा देने के लिये उत्तराखंड के समृद्ध सांस्कृतिक लोक संस्कृति के प्रतीक पर्व इगास/बूढ़ी दीपावली उत्सव का आयोजन बडे हर्ष एवं उल्लास के साथ किया गया।इगास पर्व दूसरी बार अलोहा में मनाया गया।
शुक्रवार की शाम इगास के पर्व के नाम रही।जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आये हुये लगभग 250 पर्यटकों द्वारा उत्तराखंड के पारम्परिक लोक संगीत/ नृत्य/ वाद्ययंत्रों- ढोल, दमौ एवं मसक बाज के साथ-साथ गढवाली स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाया गया। समारोह में उपस्थित पर्यटकों द्वारा उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढाये जाने के लिये अलोहा द्वारा किये गये प्रयास की सराहना की गई । उपस्थिति पर्यटकों में अधिकतर गुजरात वह अन्य राज्यों साथ ही विदेशी पर्यटकों की रही मौजूदगी।
मां नंदा की डोली हो या फिर उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोकगीत बेडू पाको बारो मासा पर नृत्य या फिर इगास को लेकर नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों ने ऐसा लगा जैसे गंगा किनारे आजकल शांत लहरों को भी सोचने को मजबूर कर दिया हो। सभी पर्यटकों ने तालियों से स्वागत किया लोक कलाकारों का, होटल स्टाफ का जिन्होंने ऐसा लगा जैसे उनकी शाम को इगास पर्व से पवित्र स्नान करवा दिया। पर्यटक उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू हुए साथ ही यहां के संगीत गीत नृत्य ढोल दमाऊ और यहां के लोक कलाकारों के आभूषण और परिधान को जानने का उनको मौका मिला। वही पर्यटकों ने अपने कैमरों में इस इगास पर्व की शाम की खूबसूरत तस्वीरें कैद कर अपने साथ ले गए। वहीं कई पर्यटकों का कहना था कि वह अगली बार भी इगास पर्व मनाने के लिए उत्तराखंड आएंगे और अलोहा की शाम को एंजॉय करेंगे।भैलो कई पर्यटकों ने पहली बार देखा खेलते हुए। गंगा की शांत लहरों के साथ सर-सर करती हवा के बीच पर्यटकों ने भैलो खेलते हुए रोचकता से मंत्रमुग्ध होकर तालियों के साथ पर्व को स्वीकार किया और इसके गवाह बने।
ईगास पर्व कार्यक्रम के सूत्रधार और शानदार शख्सियत के मालिक सुरेश काला जो प्रबंधक (Resident Manager) द्वारा बताया गया कि अलोहा द्वारा इगास पर्व के साथ-साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं लोक पर्व से जुडे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है तथा इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से हम उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति की पहचान देश/विदेश से आये अतिथियों से करवाते हैं ।