ऋषिकेश : बोरी भर कर लाये हैं लड्डू…डंक मारने वाली बिच्छू घास के…स्टाल नंबर @97 पर अल्मोड़ा से हरीश बहगुणा लाये हैं खास उत्पाद सरस मेले में

ऋषिकेश :(मनोज रौतेला) बिच्छू घास के लड्डू क्या आप सोच सकते हैं ? जी हां सरस मेले में आप बिच्छू घास के लड्डू का स्वाद चख सकते हैं स्टॉल नंबर 97 में (पहले 119 स्टाल में था) पूर्णानंद मैदान, जानकी पुल के पास मुनि की रेती।(ऋषिकेश)

ऋषिकेश के पास पूर्णानंद खेल मैदान में आजकल सरस आजीविका मेला 2023, जो 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चलेगा । आप इस मेले में कुछ खास उत्पादों का लुत्फ उठा सकते हैं। उनमें से एक प्रमुख उत्पाद है बिच्छू घास के लड्डू।। जो अल्मोड़ा से आए हैं. हरीश बहुगुणा ‘निर्मोही’ इनका नाम है। जो बोरियां भरकर लड्डू लेकर आए हैं। अल्मोड़ा से बिच्छू घास के। जी हां जो डंक मारती है यह घास और बचपन में शायद ही कोई बच्चा होगा पहाड़ में जिसने इस बिच्छू घास की सेवा प्राप्त न की हो माता-पिता दादा-दादी ने मार्फ़त। जब भी किसी को सजा देनी होती तो बिच्छू घास की छपाक मार दो शरीर के किसी भी कोने में। फिर देखो बच्चा कैसे उछल कूद करता है। आँखों में आंसू लिए। लेकिन भाईसाहब ऐंटी बायटिक का काम करती थी ये घास।
अब रिसर्च आगे सरकी तो इस बिच्छू घाट से अब कपड़े भी बना रहे हैं। खाने के लिए लड्डू भी बना रहे हैं। जो की काफी पौष्टिक है। हरीश बहगुणा निर्मोही के अनुसार यह औषधि मिठाई है। इससे मूत्र संबंधी कई रोग और तीसरे और चौथी स्टेज का कैंसर भी ठीक होता है। निर्मोही अल्मोड़ा से आए हैं। निर्मोही को मोह है तो अपने पहाड़ से। अल्मोड़ा के लमगड़ा क्षेत्र के रहने वाले निर्मोही ने कई उत्पाद खुद उन्होंने रिसर्च कर वैद्यों से सलाह लेकर और काफी समय दे कर इन उत्पादों को बनाने के बाद बाजार में आए हैं। वह सोशल मीडिया में काफी प्रसिद्ध है। उनके ऑर्डर्स दूरदराज से लोग देते हैं खास तौर पर बिच्छू घास के लड्डू और शिलाजीत शहद और नेतल चाहा (चाय)।
नेटल चाहा के बारे में बताते हुए निर्मोही कहते हैं, कि अंग्रेज हमें चाय देकर गए लेकिन हमारे यहां चाहा पहले से था और अब हम उसी रूप में चाहहा को लेकर आए हैं लोगों के सामने। इसमें 17 प्रकार के मसाले हैं। जो कि आपके किचन में उपलब्ध रहते हैं। निर्मोही ने नौकरी छोड़ी, कोरोना कल का दंश झेला, घर वालों की बातें सुनी, लोगों की ताने सुने इत्यादि। लेकिन वे प्राकृतिक उत्पादों पर काम करते रहे और डेढ़ साल की बैरागी जीवन एक तरह से बिताने के बाद बाजार में नए उत्पादों के साथ प्रकट हुए। इनके उत्पादों में कई चीज काफी खास देखने को मिली। सबसे खास बात है जो उत्पाद इन्होंने बनाए हैं। उनकी पैकिंग बॉक्स में बाहर सब कुछ लिखा हुआ है। कोई चीज छुपी हुई नहीं है। निर्मोही के अनुसार उनका मकसद है कि पहाड़ की चीज पहाड़ के लोगों के लिए उपलब्ध हो। पहाड़ का टैलेंट और पहाड़ की चीज विश्व भर में प्रसिद्ध हो। हमने पहाड़ का कर्ज उतारना है अब, जब बचपन से लेकर अब तक पहाड़ ने हमें इतना दिया तो अब हमें पहाड़ को देने का वक्त आ गया है।
सरस् आजीविका मेले में आए निर्मोही ने कहा लोग यहां पर खास तौर पर शिलाजीत और बिच्छू घास के लड्डू खूब मांग कर रहे हैं। जहाँ तक लड्डू के स्वभाव की बात है तो यह काफी गर्म होता है और उन्होंने इसके कई फायदे बताए। आप भी आएंगे तो स्टॉल नंबर 97 अल्मोड़ा के लमगड़ा के रहने वाले हरीश बहगुणा निर्मोही से मिल सकते हैं। इन उत्पादों को खरीद सकते हैं। जिनको खरीद कर आपको फायदा ही होगा नुकसान नहीं।