हिंदू जैन मंदिर में हिंदू-यहूदी एकता कार्यक्रम आयोजित हुआ…धार्मिक हिंसा के खिलाफ एकजुटता समारोह…मेनरोविले की धरती पर पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश, शान्ति के लिये प्रार्थना हुई

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  • जब हम धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं को पार करके एक साथ आते हैं, तो हम एक अधिक सामंजस्यपूर्ण और एकजुट दुनिया का मार्ग प्रशस्त करते हैं :स्वामी चिदानन्द सरस्वती

मेनरोविलेबी/ऋषिकेश : एकजुटता के एक अद्भुत व शक्तिशाली समारोह में, ग्रेटर पिट्सबर्ग क्षेत्र के हिंदू और यहूदी समुदाय पिट्सबर्ग में ट्री ऑफ लाइफ सिनेगॉग में दुखद गोलीबारी की 5वीं बरसी मनाने के लिए मोनरोविले में हिंदू-जैन मंदिर में एक साथ आए है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक हिंसा के खिलाफ एक शक्तिशाली कदम बढ़ाने के साथ ही शांति को बढ़ावा देने के साथ-साथ एकता, एकजुटता और सद्भाव को बढ़ावा देना है। अक्टूबर 2018 में, पिट्सबर्ग के स्क्विरेल हिल क्षेत्र में ट्री ऑफ लाइफ सिनेगॉग ने संयुक्त राज्य अमेरिका में यहूदी समुदाय पर सबसे घातक हमला देखा। इस भयावह घटना के परिणामस्वरूप ग्यारह लोगों की जान चली गई और छह अन्य घायल हो गए थे।

हिंदू-जैन मंदिर में, मंदिर के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती  ने हिन्दू जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष, मंदिर कमेटी बोर्ड के उपाध्यक्ष तथा मंदिर के पुजारियों के साथ मिलाकर ट्री ऑफ लाइफ के रबाई जैफरी मायर्स और जीवित बचे रबाई जैफरी मायर्स और स्टैंड विद अस की क्षेत्रीय निदेशक जूली पेरिस और पिट्सबर्ग में यहूदी समुदाय के अन्य नेताओं का अभिनन्दन किया।कार्यक्रम के दौरान, वक्ताओं ने अहिंसा के मूल सिद्धांत पर जोर दिया, जो यहूदी और हिंदू दोनों परंपराओं में गहराई से निहित है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में एकजुटता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए एकता और सद्भाव की साझा शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।

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कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी ने दीप प्रज्वलित कर किया जो सभी दिलों और समुदायों को रोशन करने के लिए शांति और प्रेम की सामूहिक प्रार्थना का प्रतीक है। यह कार्यक्रम प्रेम, सत्य, न्याय और एकता का प्रतीक है।स्वामी चिदानंद सरस्वती ने प्राचीन वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ उद्बोधन दिया, जिसके बाद यहूदियो कि शमा यिसरेल की पवित्र प्रार्थना हुई, जिसमें ईश्वर से सार्वभौमिक एकता की प्रार्थना की गयी। उन्होंने हिंदू वैदिक मंत्रों का अर्थ साझा करते हुये शाश्वत सत्य का आह्वान करते हुये कहा कि ‘सत्य एक है; प्रभु एक है; ईश्वर एक है लेकिन विद्वानगण इसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।स्वामी ने कहा कि ’सभी दिशाओं से अच्छे विचार हमारे भीतर प्रवेश करें, अच्छे विचार ही हमारे जीवन और हमारी सृष्टि को सुन्दर और समृद्ध बनाते हैं।’ उन्होंने बताया कि जब वे इजराइल गये तो वहां हिंदू-यहूदी शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधि के रूप में उनके अनुभव को भी उन्होंने साझा किया, जिसका प्रभाव शांति की दिशा में सामूहिक प्रयासों और हिंसा की स्पष्ट अस्वीकृति के लिये भी आह्वान किया।

हॉलीवुड, कैलिफोर्निया में एक यहूदी परिवार से आने वाली और पिछले 27 वर्षों से भारत के ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन में रहने वाली साध्वी भगवती सरस्वती ने यहूदी और हिंदू दोनों धर्मों के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध को खूबसूरती से व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों परंपराएँ मेरे भीतर सह-अस्तित्व में हैं जो मेरी समझ को समृद्ध करती हैं और मेरे अनुभव को गहरा करती हैं, और मुझे अपने स्वयं के और ईश्वर के करीब लाती हैं।हिंदू-यहूदी एकता कार्यक्रम ने प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाने और शांति को बढ़ावा देने में एकता और करुणा की शक्ति की मार्मिक याद दिलाई। इसने विविध पृष्ठभूमियों के दिलों और दिमागों को एकजुट किया, यह प्रदर्शित किया कि एक साथ मिलकर, हम समझ, सहानुभूति और प्रेम की रोशनी से हिंसा और नफरत के अंधेरे को दूर कर सकते हैं।

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यह असाधारण अवसर हिंदू और यहूदी समुदायों के बीच साझा मूल्यों और स्थायी बंधन के प्रमाण के रूप में खड़ा है। यह एक शानदार संदेश भेजता है कि जब हम धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं को पार करके एक साथ आते हैं, तो हम एक अधिक सामंजस्यपूर्ण और एकजुट दुनिया का मार्ग प्रशस्त करते हैं।वैश्विक स्तर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण का संदेश प्रसारित करते हैं। आज के इस पावन अवसर पर स्वामी , साध्वी  और सभी विशिष्ट अतिथियों ने पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश किया।

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