कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों का किया उत्पीड़न तो होगी कड़ी कार्रवाई : कुसुम कण्डवाल


- पहले विभागीय आईसीसी कमेटी में करें शिकायत, निवारण ना मिले तो महिला आयोग का दरवाजा खटखटाएं
- महिला के अधिकारों की जागरूकता के लिये डी०ए०वी० की बड़ी पहल, आईसीसी कमेटी ने आयोजित कराई कार्यशाला


उन्होंने बताया कि में उत्तराखण्ड में पहली बार महिलाओं के सर्वागीण विकास एवं उत्थान के लिये महिला नीति बनाई गयी है। दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को विधिक सहायता दिलाने हेतु सक्षम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। महिला स्वयं को कमजोर न समझे आयोग उनके साथ हर संभव मदद के लिए खड़ा है। डी.ए.वी. पीजी कॉलेज की आई.सी.सी. कमेटी की अध्यक्ष प्रो० सविता रावत ने महाविद्यालय में गठित कमेटी का विवरण एवं कार्य का लेखा प्रस्तुत किया। प्रो० सुनील कुमार, प्राचार्य ने महाविद्यालय में अनुशासन एवं सकारात्मक वातावरण बनाये रखने हेतु कालेज प्रशासन एवं विभिन्न समितियों द्वारा किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। साथ ही सभी से अपेक्षा की कि इन मानकों के प्रति सजग रहेंगे।कार्यशाला की रिसोर्सपर्सन अंजना गुप्ता, उपमुख्य प्रोबेसन अधिकारी, महिला कल्याण विभाग ने मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित निर्देशों एवं कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 (रोकथाम, निशेध एवं निवारण) के अनुरूप संस्थानों में गठित आन्तरिक शिकायत समिति के उद्देश्य, यौन उत्पीड़न की परिभाषा दिशा-निर्देशों को लागू करने हेतु शक्तियां एवं जिम्मेदारी पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो० शिखा नागलिया एवं डा० प्रतिमा सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।कार्यक्रम में बलवीर उनियाल (एन.जी.ओ.) प्रतिनिधि, प्रो० अशोक श्रीवास्तव, प्रो० एच०एस० रंधावा, प्रो० सविता भट्ट, प्रो रश्मि त्यागी, डा० रामविनय सिंह, डा० ओनिमा शर्मा, डा० पीयूश मिश्रा, डा० अनूप मिश्रा, डा० एम.एम. जस्सल, डा० रवि दीक्षित, प्रो० कौशल कुमार, प्रो० राखी उपाध्याय प्रो० पूनम मिश्रा, डा० रीना तिवारी, डा० रूपाली बहल, जी०के० सिंह, दिनेश गौड़, महेन्दर सिंह एवं छात्र/छात्राऐं कार्यशाला में उपस्थित रहे।