गुरु अवधूतजी स्वामी समर्पणानंद सरस्वती अब विश्व में शांति और प्रकाश का संदेश लेकर पहुंचे जर्मनी

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  • गुरु जी की  यह वैश्विक आध्यात्मिक यात्रा एवं एकत्व का संदेश अपनी पूर्णाहुति (Purnahuti) के साथ स्कॉटलैंड में 10 नवम्बर 2025 को सम्पन्न होगी
ऋषिकेश ; तीर्थनगरी के गुरु अवधूतजी श्री स्वामी समर्पणानंद सरस्वती जी का दिव्य विश्व आध्यात्मिक प्रवास सम्पूर्ण विश्व में शांति और प्रकाश का संदेश फैला रहा है — ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मेक्सिको, लातविया, बेल्जियम, फ्रांस, और स्विट्ज़रलैंड से होकर अब यह यात्रा जर्मनी पहुँची है।इस पवित्र यात्रा के दौरान गुरुजी ने योग, ध्यान, अद्वैत वेदान्त और सत्संग के सनातन ज्ञान का प्रसार करते हुए साधकों को आत्म-साक्षात्कार, सामंजस्य और आंतरिक आनन्द की दिशा में प्रेरित किया है।भारत की प्राचीन वैदिक सनातन धर्म परंपरा की गौरवशाली धरोहर को आगे बढ़ाते हुए, गुरुजी का संदेश है — प्रेम, स्वतंत्रता और आत्म-ज्ञान (आत्मन् ज्ञान) का। उनका उपदेश मानवता को करुणा, जागरूकता और एकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है, जिससे सभी सीमाएँ मिट जाएँ और आत्मा की ज्योति प्रत्येक हृदय में प्रज्वलित हो।
 गुरुजी का संदेश:
“आत्मा का प्रकाश हर हृदय में प्रकट हो।
प्रेम सभी भेदों को मिटा दे,
और प्रत्येक जीव अपनी दिव्य स्वतंत्रता का अनुभव करे।”
यह वैश्विक आध्यात्मिक यात्रा एवं एकत्व का संदेश अपनी पूर्णाहुति (Purnahuti) के साथ स्कॉटलैंड में 10 नवम्बर 2025 को सम्पन्न होगी। यह एक ऐसी यात्रा है — जो बाह्य जगत से अंतर आत्मा की ओर ले जाती है।

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