मध्य प्रदेश : छिंदवाड़ा के चौरई में लाखों की उपस्थिति के बीच 9 दिवसीय श्री राम कथा का भव्य शुभारंभ, ऋषिकेश से भी पहुंचे साधु संत

छिंदवाड़ा : मंगलवार को प्रातः काल छिंदवाड़ा (MP) चौरई में नौ दिवसीय श्री राम कथा का भव्य शुभारंभ हुआ. प्रातः काल लाखों की संख्या में 9 दिवसीय श्री राम कथा के मुख्य कथा व्यास जगतगुरु रामानंदाचार्य पद्म भूषण रामभद्राचार्य महाराज के मुखारविंद से प्रतिदिन कथा संगीत में की जाएगी आज प्रातः काल गणेश पूजन कर विशाल कलश यात्रा नगर भ्रमण ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई आई है. जिसमें तीर्थ नगरी ऋषिकेश उत्तराखंड से पधारे विरक्त वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी दयानंद दास महाराज, तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचारी महाराज, महंत प्रमोद दास, राम कथा के संयोजक राम के संयोजक रामटेक पीठाधीश्वर अजय रामदास महाराज की अध्यक्षता में 9 दिवसीय कथा की जा रही है।लाखों की संख्या में भक्त पहुँच रहे हैं कथा सुनने। देश भर के बड़े बड़े संत यहाँ पहुँच रहे हैं. ऋषिकेश से भी महामंडलेश्वर दयाराम दास जी महाराज, तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज के अलावा कई साधू संत इस भूमि में उपस्थित दे रहे हैं।

चौरई (Chaurai) या चौरई खास (Chaurai Khas)-
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा ज़िले में स्थित एक नगर है। राष्ट्रीय राजमार्ग 347 यहाँ से गुज़रता है।चौरई से छिंदवाडा और सिवनी जिला की दूरी 35 किलोमीटर है। चौरई विधान सभा क्षेत्र मे बिछुआ और चाँद तहसील शामिल हैं।चौरई से 15.2 दूर माचागोरा गाँव स्थित है, जहाँ पेंच नदी पर माचागोरा बाँध खड़ा है।

तुलसी जयंती–
सन् 1966 से चौरई में तुलसी जयंती प्रतिवर्ष बडे धूमधाम से मनायी जाती है 21 दिनो तक अंखड रामायण के पाठ के पश्चात तुलसी जंयती के दिन रामायण समापन के बाद माता मंदिर से गोस्वामी तुलसीदास जी की फोटो पालकी में रखकर पुरे नगर में घूमायी जाती है इनके पीछे झाकियाँ व शैला नृत्य करते हुए लोग आगे बढ़ते हैँ। नगर की तुलसी जयंती जिसकी ख्याति दूर दूर तक है इसमे शैला नृत्य,जस प्रतियोगिता और झाकियाँ आदि प्रमुख है जिसे देखने लोग दूर दूर से आते हैँ स्थानीय कलामंच में शैला नृत्य का आयोजन होता है जिसमे आस-पास क्षेत्रो से आये ग्रामीण बडे उत्साह से भाग लेते हैँ ओर जनप्रतिनिधियो के द्वारा पुरस्कार पाते है साथ ही चौरई में गणेश उत्सव और शारदीय नवरात्री भी बड़े धूमधाम से मनायी जाती हैं।
महाशिवरात्रि शिव जी की बारात–
प्रति वर्ष महाकाल उत्सव समिति चौरई एवं समस्त चौरई नगर के भक्तजनो द्वारा महाशिव रात्रि के पावन पर्व पर कालो के काल बाबा महाकाल {महादेव } की भव्य सवारी {पालकी} बारात एवं महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है. जिसमे गाजे बाजे के साथ बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए चौरई नगर में निकलते है, तत्पश्चात शाम को भगवान भोलेनाथ की बारात गाजे बाजे एवं आतिशवाजी के साथ बारात निकलती है बारात कुण्डा फाटक के श्री सिद्वेश्वर महाकाल मंदिर से निकल कर मुख्य मार्ग होते हुये शंकर मढ़िया सब्जी मंडी पहुचती है जहा पर भगवान महादेव और माता गोरा रानी का विवाह संपन्न होता है।
प्रमुख धार्मिक स्थल–
प्राचीन माँ बंजारी मंदिर (सिवनी रोड चौरई)
श्री दिव्य साईं मंदिर (चांद रोड चौरई)
प्रसिद्ध माता मंदिर (ग्राम देवी मंदिर चौरई)
शिवशक्ति मँदिर (पेंच कॉलोनी चौरई)
चर्च (चांद रोड)
मस्जिद (मेन रोड)
जैन मंदिर (छोटी बाजार)
गायत्री मंदिर (संजय निकुंज)
दादा धूनिवाले मंदिर (चांद रोड)
जोडा हनुमान मंदिर (पुलिस थाना परिसर)
साईं – राम – शिव मंदिर (बैल बाजार)
हनुमान मंदिर (ब्लाक कालोनी)
पँचमुखी हनुमान मंदिर (तहसील परिसर)
काली मंदिर (बैल बाजार)
काली मंदिर (पानी की टंकी वार्ड नं 1)
श्री सिद्धेश्वर महाकाल मंदिर वार्ड न. 06(महाकाल उत्सव समिति चौरई)
गेट वाले दादा हनुमान मंदिर (रेलवे फाटक)
दुर्गा मंदिर “खेड़ापति” (कुंडा फाटक)
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर (कृषि उपज मंडी परिसर)
श्री राम मंदिर (छोटी बाजार)
बजरंग मंदिर
शंकर मढ़िया (सब्जी बाजार)
नगबेड़नी माता मंदिर (झंडा मोहल्ला)
शिव मंदिर (अस्पताल परिसर)
राधा कृष्ण मंदिर (कुइयां मोहल्ला)
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