भगवन, आरक्षण तो आपने कुतर-कुतर के लगभग खत्म कर दिया है : हरीश रावत

हरीश रावत ने अमित शाह के आरक्षण अपर दिए गए बयान के बाद अपना कुछ इस तरह रखा है

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देहरादून : चुनाव आते हैं आरक्षण की बात भी शुरू हो जाती है. सत्ता पक्ष से अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष के नेता भी सवाल और सुनाना शुरू कर देते हैं उसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बरिष्ठ नेता हरीश रावत ने आरक्षण पर अपना मत रखा है. अपने फेसबुक वाल पर. रावत  ने एक एक बिंदु सामने रखकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला है. उन्हूने यहाँ तक कह दिया है सवर्ण वर्गों की भी गर्दन काटी, आपने पिछड़े वर्ग के लड़के-लड़कियों की भी गर्दन काटी….खैर, पढ़िए क्या लिखा उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में—-

“आदरणीय Amit Shah जी कहते है कि #आरक्षण खत्म नहीं होगा। भगवन, आरक्षण तो आपने कुतर-कुतर के लगभग खत्म कर दिया है। ढाई करोड़ से ज्यादा पद केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में तथा सरकारी उपक्रमों में रिक्त पड़े हैं, वह पद वर्षों से भरे ही नहीं गये‌। इसका अर्थ है कि जिन 22.5 प्रतिशत एससी/एसटी और 27 प्रतिशत ओबीसी का जो कोटा इन पदों में था, उस कोटे का लाभ इन वर्गों के लड़के-लड़कियों को नहीं मिल पाया। आपने सवर्ण वर्गों की भी गर्दन काटी, आपने पिछड़े वर्ग के लड़के-लड़कियों की भी गर्दन काटी और आपने दलित व जनजाति के लड़के-लड़कियों का भी हक उनसे छीना, इससे एक कदम आगे बढ़कर आपने वह सारे सरकारी उपक्रम और उद्योग प्राइवेट हाथों में बेच दिये, जिनमें बाबा साहब अंबेडकर जी के आरक्षण का सिद्धांत लागू होता था। जब प्राइवेट सेक्टर में उद्योग और उपक्रम चले गये तो वहां आरक्षण का सिद्धांत लागू नहीं होगा, तो न बास रहा, न बांसुरी बजी। यह तो आपने इन वर्गों को धोखे में रखकर उनकी पीठ में छूरा घोपने जैसा कृत्य किया है। अब हकीकत सामने आ गई तो चुनाव के डर से झूठ परोस रहे हैं और आरक्षण के नाम पर हिंदू-मुस्लिम का अपना पुराना खेल, खेल रहे हैं। आपकी सरकारें प्रमोशन में आरक्षण का लाभ नहीं दे रही हैं, वस्तुतः आपने आरक्षण तो खत्म कर दिया है, अब तो आप केवल संविधान बदलने की तैयारी कर रहे हैं।”

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