उत्तराखंडी सिनेमा पटल पर नई इबारत लिखने जा रही है गढ़वाली फिल्म “बीरा”…शूटिंग जारी

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  • गढ़वाली सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की ओर पहला कदम — फीचर फिल्म ‘बीरा’ की शूटिंग की भव्य शुरुआत
टिहरी : ग्राम ओंतण, जौनपुर, टिहरी गढ़वाल – देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को सहेजते हुए  तीर्थनगरी  ऋषिकेश स्थित  बालाजी प्रोडक्शन की पहली गढ़वाली फीचर फ़िल्म “बीरा” की शूटिंग का शुभारंभ आज विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुआ। यह ऐतिहासिक क्षण और भी विशेष बन गया जब फ़िल्म का मुहूर्त शॉट प्राचीन नाग देवता मंदिर के पावन प्रांगण में लिया गया। देवताओं के आशीर्वाद और गांववासियों की सकारात्मक ऊर्जा के बीच यह शुभ कार्य संपन्न हुआ, जिसने पूरे वातावरण को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रंग दे दिया।निर्देशक देबू रावत के निर्देशन में जैसे ही क्लैप बोर्ड की आवाज़ गूंजी और कैमरा रोल हुआ, गांव की शांत फिजाओं में एक नई उम्मीद की शुरुआत महसूस की गई। “लाइट्स, कैमरा, एक्शन…” के साथ बालाजी प्रोडक्शन की बहुप्रतीक्षित गढ़वाली फीचर फ़िल्म ‘बीरा’ की शूटिंग का पहला दिन शानदार अंदाज में पूरा हुआ।तीन ओर से देवदार के घने जंगलों से घिरे इस खूबसूरत गांव में फ़िल्म की टीम ने पहला दृश्य फिल्माया, जिसमें प्रमुख कलाकार शिवानी भंडारी, नियो फ़र्शवाण, लक्ष्मी कुमोला और अनुज हीत ने अभिनय किया। सभी कलाकारों की मौजूदगी, उत्साह और समर्पण ने इस अवसर को और भी गौरवपूर्ण बना दिया।फ़िल्म के निर्माता धीरज पप्पू सिंह ने बताया कि “बीरा” केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह गढ़वाल की संस्कृति, भाषा, रहन-सहन और मूल्यों को दर्शाने वाली एक सिनेमाई प्रस्तुति है। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि ‘बीरा’ गढ़वाली सिनेमा को वह पहचान दिलाए, जिसकी वह वर्षों से हकदार रही है।”
कैमरामैन मनोज सती की सिनेमैटोग्राफी, गढ़वाल की नैसर्गिक सुंदरता को पर्दे पर जीवंत करेगी। वहीं, फ़िल्म का संगीत इसकी आत्मा होगा, जिसकी जिम्मेदारी संगीत निर्देशक रंजीत सिंह निभा रहे हैं।फ़िल्म के गीतों को लिखा है गणेश वीरान और मदन डुकलाण ने, जो वर्षों से गढ़वाली साहित्य और लोकभाषा में योगदान देते आ रहे हैं। इन गीतों को स्वर दिया है गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, मीना राणा, सौरभ मैठानी, इंदर आर्य, अमित खरे, अंजलि खरे, और प्रतीक्षा बमराड़ा ने।इन महान कलाकारों की उपस्थिति और योगदान “बीरा” को एक सांस्कृतिक दस्तावेज बनाने में मदद करेगा, जिसमें गढ़वाल की आत्मा बोलती नजर आएगी।गांव के स्थानीय निवासियों ने भी फ़िल्म की शूटिंग को लेकर विशेष उत्साह दिखाया। कई लोगों के लिए यह पहला अनुभव था जब उन्होंने किसी फ़िल्म की शूटिंग को इतने करीब से देखा। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी के चेहरे पर कौतूहल और गर्व झलक रहा था। गांव वालों की आत्मीय उपस्थिति ने पूरी यूनिट को अतिरिक्त ऊर्जा दी और कलाकारों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।”बीरा” सिर्फ एक फ़िल्म नहीं बल्कि गढ़वाल के आत्मसम्मान, संस्कृति और लोकजीवन की एक जीवंत प्रस्तुति है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर का कार्य करेगी।बालाजी प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही यह फ़िल्म एक नई शुरुआत है, जो गढ़वाली सिनेमा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में पहला मजबूत कदम मानी जा रही है।

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