गंगोत्री : माँ गंगा के मंदिर की तस्वीरें देखिये, हिम की मोटी-मोटी चादर से हुई सफ़ेद

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गंगोत्री : उत्तारकाशी जिले में गंगोत्री में आज हिमपात होने से पूरी घाटी जैसे सफ़ेद चादर ओढ़े दिख रही है. तसीरों को देखकर कुदरत को नमन करने का मन करता है. कैसे कैसे कुदरत अपने रंग दिखाती है.सबसे अहम जो लोग वहां इस माइनस डिग्री तापमान में ड्यूटी दे रहे हैं वह कोई साधना से कम नहीं है.

–देखिये इस वीडियो में भयंक र हिमपात गंगोत्री मंदिर धाम में–

पूरे उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तो तापमान माइनस में चला गया है. इस हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में सुरक्षा कर्मी मां गंगा के धाम गंगोत्री में तैनात है. सुरक्षा कर्मी गंगोत्री में मुस्तैदी से ड्यूटी पर डटे हैं. वहीं नागरदास मौनी बाबा तपोवन में साधनारत है. 2018 के बाद तपोवन में कोई साधु साधना के लिए गया है. तपोवन गंगोत्री धाम से भी करीब 30 किमी दूर है, जहां 5 से 6 फीट तक बर्फ जमी हुई है.

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम की बात करें तो यहां पर करीब तीन से चार फीट तक बर्फ पड़ी हुई है. यहां तापमान शून्य से नीचे चला गया है. ऐसे में जहां एक दिन रुकना भी मुश्किल वहां पर 14,202 फीट ऊंचाई पर गंगोत्री से लेकर तपोवन तक करीब 25 लोग शीतकाल में निवास कर रहे हैं. इन 25 लोगों ने कर्मचारी और पुलिसकर्मी के साथ इस इलाके में साधनारत साधु-संत भी शामिल है. करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां हल्का सा मौसम का मिजाज बदलते ही बर्फबारी शुरू हो जाती है. वहीं गंगोत्री धाम से करीब 24 किमी दूर 14,202 फीट की ऊंचाई पर गौमुख है और गौमुख से 6 किमी आगे तपोवन है.

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यहां पर इन दिनों नागरदास मौनी बाबा साधना में लीन हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों का कहना है कि मौनी बाबा ने अपने लिए सभी आवश्यक चीजें जोड़ी हुई हैं. 2018 के बाद से शीतकाल में तपोवन में कोई साधु नहीं रहे थे. लेकिन इस बार मौनी बाबा वहां पर साधना कर रहे हैं. इसके अलावा गंगोत्री से पांच किमी गोमुख की ओर कनखू में प्रसिद्ध साधु रामकृष्णदास तपस्या में लीन हैं.

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