नानकमत्ता : दोस्त कबाड़ी से सर्राफ बना तो दोस्त ने ही कर डाली दोस्त समेत 4 की हत्या, हुआ खुलाशा ! मामले में सीएम से लेकर डीजीपी तक ने दी शाबाशी पुलिस टीम को, 3 गिरफ्तार 1 फरार
क्रिकेट खेलते-खेलते बनी चौराहे हत्याकांड की प्लानिंग, कोई पॉलिटिकेनिक तो कोई बीकॉम पढ़ा लिखा, पहले भी कर चुके थे मर्डर प्लान
नानकमत्ता/उधम सिंह नगर : उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता में कुछ दिन पहले 4 लोगों की हत्या के मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार किये हैं पुलिस ने और अभी एक आरोपी फरार है. पुलिस ने घटना का खुलाशा कर दिया. खटीमा पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चौहरे हत्याकांड के खुलासे पर पुलिस के अधिकारियों की पीठ थपथपाई और पुलिस टीम को ढाई लाख रुपये के इनाम की घोषणा की।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि रानू रस्तोगी, विवेक वर्मा, मुकेश शर्मा और सचिन सक्सेना ने मिलकर इस हत्याकांड का तानाबाना बुना क्रिकेट के मैदान में. हत्याकांड का मास्टर माइंड रानू रस्तोगी था। 28 दिसंबर की शाम 7.30 बजे रानू और विवेक अंकित और उदित को सचिन के जन्मदिन की पार्टी के बहाने ले गये थे। सचिन और राहुल पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गये थे। देर शाम 7.45 बजे रानू और विवेक अंकित-उदित को लेकर देवहा नदी के किनारे पहुंचे और यहां बहाने से गाड़ी रोक ली। इसी बीच सचिन और राहुल भी आ गये। इसके बाद चारों ने अंकित-उदित के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया, जिससे दोनों बेहोश हो गये। इसके बाद आरोपियों ने सर्जिकल ब्लेड से दोनों के गले रेते और शरीर में भी कई जगह गहरे घाव कर दिये। इसके बाद आरोपी करीब सवा आठ बजे कार से अंकित के घर पहुंचे। रानू अकसर अंकित के घर आता-जाता था। ऐसे में अंकित की मां आशा उसे जानती थीं। रानू ने पानी मांगने के बहाने दरवाजा खुलवाया। भीतर जाते ही आरोपियों ने आशा और उनकी मां सन्नो देवी की भी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी करीब एक घंटे तक घर को खंगालते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि घर और घर के ही अगले हिस्से में बनी सर्राफा दुकान में लाखों की नगदी होगी।उन्हें घर में अलमारियों से तो 40 हजार रुपये मिले, लेकिन दुकान की तिजोरी डब्ल लॉक होने के कारण नहीं खुली। दूसरी चाबी अंकित की जेब में रह गयी थी, जो शव की बरामदगी के बाद मिली थी।
नानकमत्ता में हुए चौहरे हत्याकांड का खुलासा होने के बाद जब हत्यारों के नाम सामने आए। तो हत्या के कारणों व हत्यारों के बारे में जान कर सभी को हैरानी हुई। बताया जा रहा है कि हत्याकांड की पटकथा खटीमा में क्रिकेट खेलने के दौरान ही बुनी गई थी। आरोपियों पॉलिटेक्निक कोर्स व बीकॉम की पढ़ाई कर रखी है। पुलिस के अनुसार अंकित पहले कबाड़ का काम करते थे। करीब एक महीने पहले ही अंकित ने सर्राफा का काम शुरू किया था। इस दौरान अंकित ने दुकान, सोना-चांदी खरीद पर करीब 40 लाख रुपये लगाये थे। वहीं अंकित ने अपने घर की भी मरम्मत करवायी थी। रानू को इसकी पूरी जानकारी थी। यही वजह थी कि उसे लगा कि अंकित के पास मोटी रकम है। अंकित की तरक्की ने उसे लालच से भर दिया और उसने अपने दोस्त को ही लूटने, उसकी हत्या करने की साजिश रच डाली।अंकित रस्तोगी की हत्या का तानाबाना 27 दिसंबर को ही बुन दिया गया था। हत्यारोपियों ने अंकित और उदित को इसी दिन ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद 28 दिसंबर को उन्होंने चौहरे हत्याकांड को अंजाम दे डाला। पुलिस की लगभग 20 टीमों ने कड़ी मेहनत के बाद इस हत्याकांड का खुलासा किया है। कड़ियों से कड़िया जोड़ते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुँच गयी. तीन गिरफ्तार कर लिए गए. अभी एक फरार है.
इस चौहरे हत्याकांड के खुलासे में बेहद अहम भूमिका निभाने वाली एएसपी रुद्रपुर ममता बोरा ने बताया कि रानू रस्तोगी, विवेक वर्मा, मुकेश शर्मा, सचिन सक्सेना ने 27 दिसंबर को अंकित को ठिकाने लगाने की योजना बना ली थी। ये घूमने के बहाने अंकित और उदित को वैगनआर से साथ ले गए थे। बस स्टेशन के पास चाय पीने का बहाना बनाते हुए अंकित और उदित को चाय में बेहोशी की दवा डालकर दे दी थी। इसके बाद यह लोग घंटे भर से अधिक समय तक कार में अंकित और उदित को बैठाकर घुमाते रहे। हत्यारोपी दोनों के बेहोश होने का इंतजार करते रहे, लेकिन अंकित और उदित पूरी तरह बेहोश नहीं हो पाए। अंकित रस्तोगी बेहद ठीक ठाक कद काठी का था। ऐसे में बिना बेहोश हुए हत्यारोपी उसपर काबू नहीं पा सकते थे। ऐसे में 27 दिसंबर को अंकित और उदित की हत्या की योजना धरी की धरी रह गई। वहीं 28 दिसंबर को हत्यारोपियों ने चौहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।हत्याकांड में प्रयुक्त की गई वैगनआर को विवेक ने रुद्रपुर से किराए पर लिया था। दो दिन के लिए कार की बुकिंग कराई गई थी। पुलिस ने जब अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया तो यही वैगनआर कार अंकित के घर के पास दिखाई दी। सीसीटीवी कैमरों में कार के ट्रेस होने के बाद पुलिस की जांच को ठोस दिशा मिल गई।
हरिद्वार भी गए आरोपी-
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी वैगनआर कार से ही सितारगंज देहात की ओर गए। वहीं अचानक यह कार खराब हो गई। इसके बाद हत्यारोपियों ने एक मैकेनिक के यहां कार को ठीक कराना चाहा। कार सही नहीं होने पर कार को यहीं छोड़कर हत्यारोपी बस से किच्छा चले गए। किच्छा से खटीमा निवासी सचिन सक्सेना वापस खटीमा अपने घर आ गया और यहीं सोया हालांकि पुलिस की जांच में इसके हत्या के संबंध में घर में कोई जानकारी दिए जाने की बात अब तक जांच में सामने नहीं आई है। वहीं रानू, विवेक और मुकेश किच्छा से बस से हरिद्वार चले गए एक दिन हरिद्वार रुके। उसके बाद रानू दिल्ली भाग गया और विवेक और मुकेश वापस सुभाष कालोनी रुद्रपुर आ गए। रानू रस्तोगी अपने किसी रिश्तेदार के यहां दिल्ली में ही रुक गया। इसके अतिरिक्त पुलिस मास्टर अखिलेश की भूमिका के सम्बन्ध में जांच कर रही है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ढाई लाख की घोषणा की-
खटीमा पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चौहरे हत्याकांड के खुलासे पर पुलिस के अधिकारियों की पीठ थपथपाई और पुलिस टीम को ढाई लाख रुपये के इनाम की घोषणा की। सीएम धामी ने कहा पुलिस ने हत्याकांड का शीघ्र खुलासा कर आम जनता में विश्वास कायम किया है। उन्होंने पुलिस की पूरी टीम को बधाई दी।
ये है पुलिस टीम जिन्होंने इस केस का खुलाशा करने में काम किया- कुल 20 टीम बनायीं गयी थी पुलिस ने-
(CCTV देखने के लिए 10 टीम, पूछताछ 3 टीम, बाहरी जनपद 2 टीम, स्थानीय सुरागरासी 2 टीम, साक्ष्य संकलन 2 टीम, सीडीआर विश्लेषण 1)
A- पूछताछ हेत टीम-
1- निरीक्षक प्रकाश सिंह दानू ( प्रभारी सितारगंज कोतवाली)
2- निरीक्षक बसन्ती आर्या (ए.एच. टी.यू प्रभारी)
3. के.सी. आर्य (थानाध्यक्ष नानकमत्ता)
4- अशोक कुमार ( पुलिस कार्यालय) 5- उ0नि0 नीमा बोरा
6- उ0नि0 मंजू पंवार
7- कानि0 मतलूब खान (एसओजी चम्पावत)
8- कानि0 प्रकाश आर्या
9- म०का० प्रियंका कोरंगा
10- म0का0 प्रियंका
B- स्थानीय स्तर पर सुरागरसी पतारसी हेतु टीम
टीम १-
1-उ0नि0 कमलेश भट्ट (प्रभारी एसओजी)
2- उ0नि0 जावेद मलिक
3- कानि0 बोविन्दर
4- कानि0 नवनीत
5. कानि0 मोहित
6- कानि0 आसिफ हुसैन
7- कानि0 दिनेश चन्द्र
टीम 2
बाहरी जनपद स्तर पर सरागरसी पतारसी हेतु टीम
1- उ0नि0 विनोद जोशी (थानाध्यक्ष दिनेशपुर)
2- उ0नि0 पंकज कुमार ( चौकी इंचार्ज लालपुर)
13- कानि0 कुलदीप सिंह
4- कानि0 ललित चौधरी
C-सीडीआर विश्लेषण हेत टीम
1- कानि0 कैलाश तोमक्याल (एसओजी काशीपूर)
2- कानि0 भूपेन्द्र आर्या ( एसओजी रुद्रपुर )
D- सीसीटीवी कैमरा देखने हेतु टीम
आपरेशन क्षेत्राधिकारी महोदय श्री परवेज अली व निरीक्षक नरेश चौहान (प्रभारी निरीक्षक खटीमा) के नेतृत्व में निम्न सदस्य टीम-
1- उ0नि0 विद्यादत्त जोशी (थानाध्यक्ष आईटीआई)
2- उ0नि0 कमाल हसन (प्रभारी एडीटीएफ)
3- उ0नि0 दिनेश फर्त्याल ( थानाध्यक्ष झनकईया) सितारगंज)
4- उ0नि0 योगेश कुमार (एसएसआई 5-30नि0 श्री शंकर सिंह बिष्ट
6- उ0नि0 विजेन्द्र कुमार
7-30नि0 सुरेन्द्र सिंह ( एसओजी)
8- 30नि0 पंकज महर
9- अनि0 श्रीराजेश पाण्डेय (प्रभारी पुलभट्टा )
10- कानि0 कमल नाथ गोस्वामी
11- कानि0 पंकज बिनवाल ( एसओजी) 12- कानि0 नासिर
13- कानि० धर्मवीर
14- कानि0 ललित कुमार
(एसओजी)
15- कानि0 गणेश पाण्डेय (एसओजी) 16- कानि0 नीरज शुक्ला (एसओजी)
17- कानि० प्रमोद कुमार (एसओजी) 18-कानि0 विनोद (एसओजी)
19- कानि0 भूपेन्द्र (एसओजी)
20- कनि0 ध्यान सिंह
E- पंचायतनामा, साक्ष्य संकलन व कार्यलेख टीम के सदस्य
1- कानि0 गिरीश चन्द्र
2- कानि० योगेन्द्र कुमार
3- कानि0 ललित काण्डपाल
4- कानि0 नरेन्द्र रोतेला
5- कानि० रमेश भट्ट
6- कानि0 मोहन गिरी
7- कानि0 देवेन्द्र
8- कानि0 लोकेश तिवारी
9- कानि0 सुरेश कुमार
10- कानि0 राजेश कुमार
11-म0का0 कमला दुग्ताल
12-म०का० विद्या रानी
13- म0का0 बीना
14 मण्का० शिवन्ती
15- का0 विनित
16- कानि० राजकुंवर
17- कनि 0 चालक प्रकाश जोशी
18- फालवर पूरन चन्द्र ग्राम प्रहरी राजकुमार शुक्ला, गुरमेज, मिल्खा, पीआरडी राजवती, गोविन्द (सहयोगी)