“गुजिया” बनाते हुए सुंदर तस्वीरें शेयर की पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने, इस तरह दी बधाई पर्व की

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दिल्ली/देहरादून : होली के पर्व पर गुजिया का अलग ही महत्त्व है.ऐसे में हर कोई होली पर गुजिया बनाता है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में हरिद्वार से भाजपा से सांसद डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने भी गुजिया बनायी. इसकी सुन्दर तस्वीरें उन्होंने सोशल अकाउंट पर साझा की. रंगों का पर्व होली लोगों को जोड़ता है कहते हैं रूठा हुआ भी आज मान जाता है.निशंक ने बेटी के साथ गुजिया बनाते हुए तस्वीरें शेयर की हैं.

निशंक ने लिखा “गुजिया के बिना होली का त्यौहार अधूरा माना जाता है। आज रंगो के त्यौहार पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर गुजिया बनाई। होली के रंगों और अपने हाथों से बनी गुजिया की मिठास के साथ आप सब स्वागत है”.

तस्वीरें देखिये –

गुजिया के बारे में जानकारी-

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गुजिया/गुझिया, गुघरा, पेडकिया, करंजी, या कज्जिकाया एक मीठा डीप-फ्राइड पकौड़ी है, जो भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी है, जिसे सूजी (सूजी) या मैदा (सभी उद्देश्य के आटे) से बनाया जाता है, जो मीठे खोआ (दूध ठोस) के मिश्रण से भरा होता है। मावा) और सूखे मेवे, और घी में तला हुआ।

गुजिया की खोज किसने की-
गुझिया न केवल एक होली दावत है, बल्कि आकर्षक मध्ययुगीन शहर ओरछा में एक साल भर का मामला है – जो अपने किले, स्मारकों और मंदिर के लिए जाना जाता है, जो सभी चंदेला राजपूतों द्वारा निर्मित हैं, जिन्होंने 16 वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर शासन किया था।

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होली पर हम गुजिया क्यों खाते हैं?
तुर्की कनेक्शन। कुछ लोगों का यह भी मानना ​​है कि गुजिया की जड़ें तुर्की हो सकती हैं । गुजिया को तुर्की के बकलवा जैसा कहा जाता है, जो एक आटे के आवरण में लिपटी हुई मिठाई है और सूखे मेवों से भरी हुई है।

मावा भुन जाने के बाद, इसे प्याले में निकाल लीजिए और ठंडा होने दीजिए. इसके बाद, मावा में पिसी हुई चीनी, नारियल, किशमिश और काजू डालकर मिला दीजिए. साथ ही चिरौंजी और इलाइची भी डालकर अच्छेे से मिक्स कर दीजिए. सारी चीजों के मिक्स होने के साथ ही गुजिया में भरने के लिए कसार तैयार है.

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