पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा प्रो एन पी माहेश्वरी को बाली में किया जायेगा लाइफ टाइम एचीवमेंट स्वार्ड से सम्मानित



देहरादून : भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा को प्रतिष्ठित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन (अहिंसा) का 25 वाँ रजत वर्ष सम्मेलन मलेशिया – बाली (इंडोनेशिया ) में 23 से 31 अगस्त 2025 तक आयोजित होगा। इसमें भारत के नौ राज्यों के 50 से अधिक रचनाकार, कवि, लेखक, पत्रकार एवं शिक्षाविद भाग ले रहे हैं । पूर्व में बैंकाक, मॉरीशस , पटाया , ताशकंद, संयुक्त अरब अमीरात , कंबोडिया , वियतनाम , श्रीलंका , चीन , नेपाल, मिश्र , इंडोनेशिया , रूस, यूनान , म्यांमार, भूटान , कजाकिस्तान, भारत , आदि देशों में 24 अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों का उल्लेखनीय आयोजन संपन्न हो चुका है ।
इस वर्ष रजत पर्व 25 वे अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के संयोजक जयप्रकाश ” मानस ” ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य, देश विदेश में सृजनरत, स्थापित एवं नवजात रचनाकारों को जोड़कर स्वयंसेवी आधार पर भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार साहित्य की सभी विधाओं में सक्रिय विद्वानों का सम्मान, ज्ञानात्मक एवं भाषाई सहिष्णुता के लिए सकारात्मक प्रयास , विभिन्न क्षेत्रों /प्रदेशों का साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक अध्ययन , प्रशिक्षण एवं पर्यटन सहित वसुदेव कुटुंबकम की भारतीय परंपरा को प्रोत्साहित करना है । श्री मानस ने यह भी बताया कि रजत पर्व सम्मेलन का उद्घाटन इंडोनेशिया के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित विद्वान पद्मश्री अंगुस इंद्र उदयन करेंगे । सूच्य है कि उदयन के बाली और लोम्बोक (इंडोनेशिया ) में चार आश्रम हैं, जो अहिंसा, मानवता और सत्य के गांधीवादी सिद्धांतों का विश्व भर के विश्वविद्यालय के छात्रों एवं युवाओं में विस्तार करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की उपाध्यक्ष डॉ सविता मोहन ने दूरभाष पर बताया कि रजत पर्व बाली में भाषा की विभिन्न विधाओं में कुल 13 कृतियों का विमोचन होगा । उन्होंने कहा कि रजत पर्व में डॉक्टर नारायण प्रकाश माहेश्वरी, पूर्व शिक्षा निदेशक उत्तराखंड को उनके 50 वर्षों के उच्च शिक्षा में योगदान की दृष्टिगत सृजन गाथा डॉट काम द्वारा लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। विदित हो कि अनेक पुरस्कारों से सम्मानित डॉ माहेश्वरी ने थैलीसैण , नरेंद्र नगर, रायपुर देहरादून पावकी देवी ,ऑटोनॉमस पीजी कॉलेज ऋषिकेश आदि राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य , उपनिदेशक और निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखंड के दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन किया । डॉ माहेश्वरी ने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के नौ छात्रों की पीएचडी डिग्री के लिए सफलतापूर्वक पर्यवेक्षण करने के साथ ही 100 से अधिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रतिभा कर शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया ।डॉ महेश्वरी के शैक्षणिक, प्रबंधकीय एवं रचनात्मक दृष्टिकोण के कारण ही राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नॉक) ने आंध्र , कर्नाटक , केरल , मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के अनेक महाविद्यालय के मूल्यांकन हेतु पीयर टीम का सदस्य नियुक्त किया।
इस अवसर पर वर्तमान निदेशक उच्च शिक्षा प्रोफेसर विश्वनाथ खाली जी ने कहा कि “राजकीय महाविद्यालय कर्णप्रयाग में सेवा के दौरान प्रोफेसर माहेश्वरी वरिष्ठ प्रोफेसर थे तब से उनका स्नेह सानिध्य और मार्गदर्शन मुझे प्राप्त है उनकी सरलत, सहयोग की भावना तथा प्रबंधकीय प्रतिभा अतुलनीय है मै उनको बाली ने सम्मानित किए जाने पर शुभकामना और बधाई देता हू। “इस अवसर पर प्रो मुक्तिनाथ यादव , प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव, प्रोफेसर वी एन गुप्ता प्रो वी के गुप्ता डॉ दयाघर दीक्षित सहित अनेक सम्मानित प्राध्यापकों ने उन्हें बधाई और शुभकामना प्रेषित की ।