दिल्ली: उत्तराखंड के पूर्व CM और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात, दिया निमंत्रण स्पर्श हिमालय महोत्सव में आने के लिए

 
नई दिल्ली :(मनोज रौतेला) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात आगामी स्पर्श हिमालय महोत्सव -२०२५ में आमंत्रित किया. आपको बता दें, आगामी ३ से ५ नवम्बर २०२५ तक आयोजित होगा महोत्सव. लेखक गाँव देहरादून जिले में जौलीग्रांट एअरपोर्ट के नजदीक पहाड़ों के वादियों के बीच थानो में  स्थित है. लेखक गाँव का उद्देश्य   लेखकों, कवियों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों को आकर्षित करना और साहित्यिक, कलात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है. 

निशंक ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया,  “आज नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से शिष्टाचार भेंट हुई एवं विभिन्न विषयों पर उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। माननीय राष्ट्रपति जी को भारत के प्रथम लेखक गाँव, देहरादून में आगामी 03 से 05 नवम्बर, 2025 तक आयोजित होने वाले स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025 के लिए सादर आमंत्रित किया।माननीय राष्ट्रपति जी ने स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025 के प्रति गहरी उत्सुकता एवं आत्मीय रुचि व्यक्त की। मुझे पूर्ण विश्वास है कि लेखक गाँव एवं स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025 में भाग लेने वाली साहित्य, संस्कृति और कला जगत की सभी प्रतिष्ठित विभूतियों को माननीय राष्ट्रपति जी का आशीर्वाद और स्नेह अवश्य प्राप्त होगा।यह महोत्सव भारतीय साहित्य, संस्कृति और कला की समृद्ध परंपरा का भव्य वैश्विक उत्सव है, जिसमें देश एवं 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि सहभागिता करेंगे। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक चेतना और सृजनशीलता को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करते हुए “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को साकार रूप प्रदान करेगा।”
लेखक गाँव की विशेषता –
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सुविधाएँ:लेखक कुटीर: लेखकों के लिए आरामदायक आवासीय कॉटेज। 
- हिमालय विश्राम गृह: मेहमानों और छात्रों के लिए गेस्ट हाउस। 
हिमालय चिकित्सा केंद्र: प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचारों के लिए केंद्र। 
- हिमालय योग केंद्र: योग और ध्यान के लिए सुविधा। 
- हिमालयी रसोई: जैविक भोजन प्रदान करने वाली रसोई। 
- हिमालय संग्रहालय: गंगा और हिमालय को समर्पित एक संग्रहालय। 
शुरुआत: इसका उद्घाटन 27 अक्टूबर 2024 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया था।
 
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वातावरण:यह शांत और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करता है, जो रचनात्मकता के लिए आदर्श है।
 
 
 




