पीएम मोदी ने जो ‘घाम तापो’ पर्यटन का मंत्र दिया है उसके लिये परमार्थ निकेतन में पूरे विश्व से आने वाले पर्यटकों को भी प्रेरित किया जायेगा-स्वामी चिदानंद सरसवती


- देवभूमि उत्तराखण्ड की दिव्य धरती पर माननीय प्रधानमंत्री भारत, नरेन्द्र मोदी का अभिनन्दन
- उत्तराखंड में बारहमासी पर्यटन, ऑफ सीजन नहीं ऑन सीजन, घाम तापो पर्यटन का किया अभिनन्दन
- उत्तराखंड ’भारत का स्विट्जरलैंड भी है और स्पिरिचुअल लैण्ड भी
- उत्तराखंड की दिव्य धरा पर पूरा वर्ष तीर्थाटन का आनंद ही आनंद
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने प्रधानमंत्री, भारत, नरेंद्र मोदी और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अद्वितीय योगदान की सराहना की
- पहाड़ की पहल को लगे पंख-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 6 मार्च। उत्तराखण्ड की पवित्र और दिव्य धरती पर हम सभी को गर्व है, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने उत्तराखंड की दिव्य धरती पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनन्दन किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री भारत, नरेन्द्र मोदी ने जो घाम तापो पर्यटन का मंत्र दिया है उसके लिये परमार्थ निकेतन में पूरे विश्व से आने वाले पर्यटकों को भी प्रेरित किया जायेगा कि वे इन खूबसूरत वादियों में जाकर रहें और उनका आनंद ले।उत्तराखण्ड, जिसे देवभूमि कहा जाता है, न केवल आध्यात्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ का पर्यटन क्षेत्र भी अपनी अपार प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के कारण आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है, जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन ने उत्तराखण्ड को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में उभारा है, जहाँ हर मौसम में पर्यटक आते हैं। उन्होंने राज्य की बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया, जो पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के जीवनस्तर को भी बेहतर बना रहा है। आज माननीय मोदी ने उत्तराखण्ड में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहद ही सराहनीय विचार प्रस्तुत किये। उनका यह दृष्टिकोण न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड में घाम तापो पर्यटन की अवधारणा को नया आयाम मिला है, जिससे पर्यटकों को यहाँ पूरे वर्ष भ्रमण का अवसर प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री की यह सोच राज्य को एक अलग पहचान दिलाने में मददगार साबित होगी। उनका यह दृष्टिकोण न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि यह उत्तराखण्ड की संस्कृति और आध्यात्मिक महत्व को भी उजागर करता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि उत्तराखण्ड ‘भारत का स्विट्जरलैंड’ और ‘स्पिरिचुअल लैंड’ भी है, यहाँ की सुंदर घाटियाँ, पर्वत, झीलें और धार्मिक स्थल न केवल देशवासियों, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के दिलों को भी छूते हैं। यहाँ के प्राचीन मंदिर, आश्रम और अन्य धार्मिक स्थल दुनियाभर में श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। यहां पर चारों धाम भी है और हेमकुण्ड साहब भी हंै।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पर्यटन को समग्र रूप से एक नया दृष्टिकोण दिया है। माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड को ‘आॅफ सीजन’ पर्यटन से ‘ऑन सीजन’ पर्यटन में बदलने का कार्य होगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती आयेगी। उत्तराखण्ड के हर जिले में पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल हैं, और मुख्यमंत्री के प्रयासों से इन स्थलों का प्रचार-प्रसार बढ़ा है। उनके कार्यों से पर्यटकों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित हुआ है, जिससे राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।उत्तराखण्ड की भूमि न केवल आध्यात्मिक है, बल्कि यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन स्थल भी बहुत ही अद्वितीय हैं। उत्तराखंड ने पर्यटन और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में अपनी एक नई पहचान बनाई है। स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन के दृष्टि से नहीं बल्कि तीर्थाटन के दृष्टि से आये। यहां की दिव्यता को बनाये रखने के लिये सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करे।