ऋषिकेश में शिवाजी नगर गूंजा सिलंडर धमाकों से सुबह-सुबह, गो आश्रम में लगी भीषण आग

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ऋषिकेश :एम्स की पीछे स्थित  शिवाजी नगर गली नंबर 17 में  गो आश्रम में शनिवार सुबह आग लगने से गो आश्रम के अन्दर एक गौबंश की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि  4 से 5 गाय घायल हैं। गनीमत रही कोई जनहानि नहीं हुई है.

सूचना मिलने पर, दमकल की एक गाड़ी मौके पर पहुंची, फिलहाल खबर लिखे जाने तक दमकल विभाग पुलिस प्रशासन मौके पर आग बुझा जा रहा है। घटना लगभग 5:00 बजे और 5:15 के आसपास की है अचानक में जोर जोर की दो  ब्लास्ट की आवाज सुनने के बाद लोग घरों से बाहर निकले तो गली नंबर 17 में बने आश्रम में अचानक आग लगती  हुई दिखाई दी.  उसके बाद लगातार दो धमाके हुए और बताया जा रहा है ये दोनों  सिलेंडर ब्लास्ट थे.  साथ ही गंदा  नाला बहता हुआ है उसमें कई टीन नाले में गिरी हुई  हैं.स्थानीय सुशील कुमार के अनुसार  पुलिस लगभग आधे घंटे के बाद पहुंची है मौके पर.  दमकल की गाड़ियां मौके पर पहले  पहुँच  चुकी थी.  दमकल कर्मी  अभी का आग बुझा रहे हैं साथ ही अंदर अभी आग  लगातार जारी है. आग  पर कंट्रोल किया जा रहा है. आज  लगने  की वजह क्या थी अभी इसका पता नहीं लग पाया है। आश्रम के अंदर एक गोवंश की मौत बताई जा रही है गौर्वंश  अंदर  घायल  हुए हैं फिलहाल आग बुझाने का काम जारी है। अन्दर कई गौवंश बंधे हुए थे. लोगों के मुताबिक़, अन्दर से ताला लगा हुआ था. ताला तोडा गया तब टीम अन्दर घुसी. गो वंश के लिए   अन्दर भूसा रखा हुआ था. कढ़ाई भी रखी हुई थी. ऐसा लग रहा था कुछ पका रहे थे उसमें. भूसे में आग अभी लगी हुई है.  बताया जा रहा इस आश्रम के  संचालक कोई मौनी बाबा है. जो खामोश है कुछ बोल नहीं रहा था. एक कोने में गली में लोगों की भीड़ के बीच मौन धारण किये हुए था. लेकिन बड़ा सवाल आश्रम का एक हिस्सा पूरा  नाले के ऊपर  बना हुआ है जो कि अवैध निर्माण है. जो साफ़ तौर पर दिख रहा है.  इसकी शासन प्रशासन ने कोई अभी तक खैर  खबर नहीं ली है. अब इसमें क्या एक्शन लेता है संबधित विभाग  यह देखने वाली बात होगी. क्योंकि नाले के ऊपर पूरा छज्जा,  लेंटर  डाला हुआ है आश्रम का। बरसात में उस लेंटर के ऊपर से पानी गुजरेगा. ऐसे में ख़तरा उसका भी बना हुआ है. लेकिन अवैध निर्माण की तरफ कौन अधिकारी   दृष्टि डाले  ? अधिकारी, सम्बंधित विभाग फिलहाल  नींद में है. अब यह घटना हो गयी है अब क्या एक्शन लेता है यह  देखने वाली बात  होगी. वहीँ आश्रम में जो घायल गौवंश होते हैं उनका उपचार किया जाता है. उनको रखा जाता है. बड़ा सवाल है, सुरक्षा के मद्देनजर इस तरह के आश्रम या निजी संस्थानों को कौन अनुमति देता है रिहाईश इलाके में ? ये सवाल उठता है. फिलहाल नियम कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए इस तरह घटना होना वाकई शर्मनाक है. जिसमें किसी की जनहानि भी हो सकती थी. स्थानीय लोगों के अनुसार  अन्य लोगों के अलावा  एक महिला भी थी ब्लास्ट के समय. मौनी बाबा बाहर गली में गेरुवा लुंगी में मौन खड़े  थे.

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