ऋषिकेश : प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास पहुंचे परमार्थ निकेतन..की गंगा आरती लिया माँ गंगा का आशीर्वाद

डॉ. वी.के. सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग और कवि कुमार विश्वास ने परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग

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  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर परमार्थ निकेतन की विभिन्न आध्यात्मिक गतिविधियों में किया सहभाग
  • परमार्थ निकेतन गंगा तट आकर गद्गद् हुये कुमार विश्वास
  • युवाओं के पास गति भी हो और दिशा भी-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश : परमार्थ निकेतन में प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास और सदस्य नीति आयोग डॉ. वी.के. सारस्वत आये। उन्होंने परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग किया। दोनों विशिष्ट अतिथियों ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर विभिन्न आध्यात्मिक गतिविधियों में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कुमार विश्वास और डा वी के सारस्वत को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि युवाओं के पास गति भी हो और दिशा भी हो तो जीवन बेहतर, सरल और समृद्ध बन जाता हैं यही संदेश महात्मा गांधी ने भी दिया और राष्ट्रभक्ति व रामभक्ति का संदेश हमारे कुमार विश्वास दे रहे हैं। स्वामी जी ने कहा कि जब से हमारे युवा आन लाइन हुये है ऐसे में कई बार देखने को मिलता है कि इंसानियत आफ लाइन होती जा रही है इसलिये अपने वाईफाई सिग्नल के साथ अपने सिग्नल पर भी ध्यान दें। अपनी संस्कृति, अपने मूल, और अपने मूल्यों से जुड़ने का संदेश देते हुये स्वामी ने कहा कि माता-पिता से बढ़कर कोई नहीं है। अपने संस्कारों को सदैव याद रखे और अपने संस्कारांे को थाम कर रखे।कवि कुमार विश्वास ने गंगा की आरती जैसे दिव्य आयोजन हेतु पूज्य स्वामी का आभार व्यक्त करते हुये अपनी मनोरम कविता ‘खिलौने साथ बचपन तक, जवानी बस रवानी तक। सभी अनुभव भरे किस्से बुढ़ापे की कहानी तक।। जमाने में सहारे है सभी बस जिंदगी भर के। मगर के जिंदगी के आखरी पल का सहारा है।। ये गंगा का किनारा है, ये गंगा का किनारा है।। ये गंगा का किनारा है, ये गंगा का किनारा है।’ सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।

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स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सभी को गंगा के तटों को स्वच्छ रखने का संकल्प कराया। कुमार विश्वास श्रृंगार रस के प्रसिद्ध कवि हैं. उनके द्वारा लिखा काव्य संग्रह ’कोई दीवाना कहता है’ युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय रहा। उन्होंने कई सुंदर कविताएं लिखी हैं जिनमे हिंदी कविता के नवरस मिलते हैं। उनके लिखे गीतों को फिल्मों में भी स्थान प्राप्त हैं। उन्होंने अपने से पूर्व में हुए महान कवियों को श्रद्धांजलि देते हुए ‘तर्पण‘ नामक टीवी कार्यक्रम भी बनाया, जिसमे स्वयं विश्वास ने पुराने कवियों की कविताओं को अपना स्वर दिया है। उनके द्वारा लिखा ‘अपने-अपने राम’ ने भी अत्यंत प्रसिद्ध हुआ।

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