यूरोप में ऋषिकेश के फेमस डॉक्टर डीके श्रीवास्तव ने आयुर्वेद को बताया क्योँ महत्वपूर्ण है आज के समय में उपचार के लिए


- यूरोप में आयुर्वेद दिवस की धूम
- भारत कीआयुर्वेद को यूरोपीय देशों में पहचान
- राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का सम्मान यूरोप में भी- डॉ डी के श्रीवास्तव


डॉ श्रीवास्तव ने उस दिन प्रातः जर्मनी की राजधानी बर्लिन के अल्टरनेटिव संस्थान कुरफ़ुरस्तेडान में आयोजित परिचर्चा और नीदरलैंड्स के जीलैंड्स में आयोजित आयुर्वेद सभा में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित १० वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर विश्व बंधुत्व की भावना से इस कार्यक्रम की विश्व के सभी मानव जाति के निरोगी और शतायु जीवन में आयुर्वेद की उपयोगिता को वैज्ञानिक तरीके से बताया. उन्होंने भारत सरकार के इस वर्ष की थीम सभी के साथ प्लेनेट,प्रकृति और धरा में आयुर्वेद के प्रभाव और महत्व का विशेष वर्णन किया. उन्होंने हार्मोनाइज़िंग हेल्थ एंड इन्वायर्नमेंट अंडर पीपल एंड प्लानेट पर बृहत् चर्चा की. डॉ श्रीवास्तव पिछले १८ वर्षों से विश्व एवं यूरोप के लगभग सोलह देशों में आयुर्वेदम् शरणम गच्छामी के मूल मंत्र द्वारा हजारों लोगों को जोड़कर आयुर्वेद के प्रसार एवं उससे स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर भारत और उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं. कार्यक्रम में डॉ निवेदिता श्रीवास्तव ने भी यूरोपीय लोगों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य में भारत की प्राचीन चिकित्सा शास्त्र के महत्व दिनचर्या और आहार सहित सद् वृत्त के महत्व को समझाते हुए निरोगी जीवन की अभिलाषा की. कार्यक्रम में यूरोप के मिसेज़ अनरिट वन डन ब्रोक एवं जने कैंपेवन ने भी अपने सकारात्मक विचार आयुर्वेद के लिए प्रेषित किया और सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद दिया !