ऋषिकेश स्थित चंद्रेश्वर नगर घाट में सह विद्युत एवं गैस चलित शव दाह गृह की स्थापना की जाएगी

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  • नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा संरक्षण समिति की मासिक बैठक हुई आयोजित 
  • पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सीवेज सिस्टम की प्रतीक्षा में बदहाल सड़कों का निर्माण लम्बित -विनोद जुगलन 
  • ग्राम सभा खदरी खड़क माफ गंगा ग्राम के बावजूद भी उपेक्षा का शिकार 
  • सम्बन्धित पेयजल विभाग के परियोजना अधिकारी निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि दिसंबर तक फेस ७ अर्धनगरीय सीवरेज योजना का कार्य शुरू होजायेगा।
देहरादून/ऋषिकेश : नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा संरक्षण समिति की मासिक बैठक में ऋषिकेश के मुद्दे छाए रहे।मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह के निर्देशन में जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार की उपस्थिति में आयोजित बैठक में गत माह की बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की गई।बैठक में समिति के नामित सदस्य डॉ विनोद जुगलान ने ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि ग्राम सभा खदरी खड़क माफ गंगा ग्राम के बावजूद भी उपेक्षा का शिकार बना हुआ है।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मुक्ति धाम घाट न होने के कारण मृत व्यक्ति को टिहरी जनपद की सीमा अंतर्गत पूर्णा नन्द घाट मुनि की रेती लेजाना पड़ता है।स्थानीय स्तर पर मुक्तिधाम घाट एवं पूजा घाट के निर्माण की योजना लम्बित पड़ी हुई है।इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लक्कड़ घाट के समीप निर्माणाधीन 5 एमएलडी एसटीपी स्थल के निकट खाली पड़ी वन विभाग की भूमि पर फारेस्ट कंजर्वेटरी की स्थापना राज्यहित में सार्थक रहेगी।इससे स्थानीयों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे तो दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।जिसको बैठक में उपस्थित जिला विकास अधिकारी ने कार्यवृत में सम्मिलित करने की बात कही।सदन में बताया गया कि ऋषिकेश स्थित चंद्रेश्वर नगर घाट में सह विद्युत एवं गैस चलित शव दाह गृह की स्थापना की जाएगी,जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है।पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सीवेज सिस्टम की प्रतीक्षा में बदहाल सड़कों का निर्माण लम्बित है।जिस पर विभाग स्थिति को स्पष्ट करें।प्रश्नगत का उत्तर देते हुए सम्बन्धित पेयजल विभाग के परियोजना अधिकारी निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि दिसंबर तक फेस सात अर्धनगरीय सीवरेज योजना का कार्य शुरू होजायेगा।ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता नालों में बहाई जारही गंदगी का संज्ञान लेते हुए जिला विकास अधिकारी ने बताया कि अगली बैठक में ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय पँचायत प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।इसके अतिरिक्त जनपद में स्थापित एसटीपी के कार्य प्रदर्शन एवं रख- रखाव की समीक्षा,सेप्टेज प्रोटोकॉल प्रबन्धन,सुसवा एवं सौंग नदी बाढ़ नियंत्रण क्षेत्र की समीक्षा,घरेलू एवं अघरेलू सीवर संयोजन,नाला टेपिंग,सफाई आदि।गंगा एवं सहायक नदियों परिक्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ड्रेन नाला सफाई पर चर्चा,वृक्षारोपण कार्य की समीक्षा एवं जिला गंगा योजना की समीक्षा समिति के त्रैमासिक न्यूज बुलेटिन प्रकाशन पर विचार विमर्श किया गया।बैठक नगर निगम देहरादून के सभागार में जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार की उपस्थिति में आयोजित की गई।
बैठक में नगर निगम ऋषिकेश के सहायक नगर आयुक्त चन्द्र कान्त भट्ट, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल,सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेश चंद्र उनियाल,जल संस्थान के अधिशासी अभियंता हरीश कुमार बन्सल,उपप्रभागीय वनाधिकारी देहरादून सुनील दत्त बलूनी,जिला परियोजना अधिकारी जिला गंगा सुरक्षा समिति रवि कांत पाण्डे,नगर निगम देहरादून की मुख्य सफाई निरीक्षक पुष्पा रौथाण,ऋषिकेश के एसआई संतोष गुसाईं, एम आई एस एक्सपर्ट गुरमीत सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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