ऋषिकेश में आवास विकास विद्या मंदिर में डॉ.भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर किया गया याद

ख़बर शेयर करें -
  • डॉ.भीमराव अंबेडकर ने लिखा 251 पेज का संविधान अपने हाथो से-उमाकांत पंत
ऋषिकेश :  डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर आवास विकास विद्या में हुआ आयोजित कार्यक्रम में डॉ. साहब के चित्र पर विद्यालय के प्रधानाचार्य उमाकांत पंत एवं उप प्रधानाचार्य नागेंद्र पोखरियाल व जीव विज्ञान प्रवक्ता रामगोपाल रतूड़ी ने संयुक्त रूप से माल्यर्पण कर और पुष्पांजलि भेट कर उनको स्मरण किया। अंबेडकर जयंती पर वरिष्ठ शिक्षक वीरेंद्र कंसवाल ने बताया कि उनके अनुसार समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के स्तंभों के बावजूद लोकतंत्र को नैतिक रूप से भी देखा जाना चाहिये। जाति व्यवस्था में नैतिकता का उपयोग: अंबेडकर ने जाति व्यवस्था, हिंदू सामाजिक व्यवस्था, धर्म की प्रकृति और भारतीय इतिहास की जांँच में नैतिकता के नज़रिये का उपयोग किया।वही कार्यक्रम मेंविद्यालय की छात्रा अंजली व वैष्णवी ने आवश्यकता है कि हम बाबा साहेब के द्वारा दिए तीन मूल मंत्र “शिक्षित करो, संगठित करो और संघर्ष करो “को अंगीकार करके संविधान की रक्षा के लिए आगे आएं।
कार्यक्रम के समापन में विद्यालय के प्रधानाचार्य उमाकांत पंत ने कहा कि हाथों से बिना गलती के लिख दिया पूरा संविधान आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय संविधान के सारे दस्तावेज उन्होंने टाइपराइटर नहीं, बल्कि अपने हाथों से बिना किसी गलती के लिखे थे ।इस अवसर पर नरेंद्र खुराना , सतीश चौहान,कर्णपाल बिष्ट,मनोज पंत, सुंदर ,अजीत रावत ,यशोदा भारद्वाज, रीना गुप्ता ,रितिका,पायल मनीषा, वंदना , यश नारंग और विद्यालय के सभी शिक्षकगण और कर्मचारी एवम सभी छात्र छात्राएं मौजूद रहें।

Related Articles

हिन्दी English