पौड़ी : DM हो तो ऐसा…थलीसैंण के जल्लू ग्राम पंचायत में आयोजित की रात्रि चौपाल…लोगों की समस्याओं की सुनवाई के लिए

ख़बर शेयर करें -

पौड़ी : जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान द्वारा विकासखंड थलीसैण के अंतर्गत ग्राम पंचायत जल्लू में रात्रि चौपाल आयोजित कर लोगों की जन समस्याओं की सुनवाई की गई तथा संबंधित अधिकारियों को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

लोगों द्वारा रात्रि चौपाल में सड़क सुधारीकरण, पेयजल और सिंचाई के लिए टंकी और टैंक निर्माण का कार्य करवाने, पड़ोसी ग्राम पंचायत कपरौली के साथ वन विभाग से संबंधित स्थानीय लोगों को प्राप्त होने वाले परंपरागत हक-हकूक से संबंधित विवाद सुलझाने की मांग, गांव के प्राथमिक स्कूल में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने और विद्यालय के भवन का पुनर्निर्माण करवाने, एक स्थानीय ग्रामीण द्वारा पेंशन सत्यापन की मांग की गई और मोबाइल टावर कनेक्टिविटी में सुधार करने से सम्बंधित समस्याएं जिलाधिकारी से साझा की गई।

जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण और पुल निर्माण कार्य के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एन0एच0) के अधिकारियों को इसकी स्टेटस रिपोर्ट प्रदान करते हुए इसके सुधारीकरण के निर्देश दिए। कपरोली गांव के साथ वन संपदा के स्थानीय हक- हकूक विवाद के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी ने वन विभाग के साथ दोनों ग्राम पंचायतों की संयुक्त बैठक आयोजित कर विवाद को सुलझाने और वन विभाग को अपनी भूमि के डिमार्केशन करने के लिए मौके पर सभी दस्तावेज उपलब्ध रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यूपीसीएल के विद्युत उपखंड अधिकारी (एसडीओ) को दूरभाष पर निर्देशित किया कि प्राथमिक विद्यालय में तत्काल विद्युत कनेक्शन देकर कृत कार्रवाई की सूचना उपलब्ध करवाएं। उन्होंने सिंचाई विभाग को पेयजल और सिंचाई के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु गांव में टैंक निर्माण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

ALSO READ:   एम्स ऋषिकेश में सर्जरी से हटाया संभल के सलमान का 35 किलो का बोन ट्यूमर, रचा इतिहास  

जिलाधिकारी ने गांव में निवास करने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं की जानकारी लेते हुए उनको और बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की जिसमें पाया गया कि गांव की एक महिला जो पहली बार प्रेग्नेंट हुई है और उनको 3 माह होने के पश्चात भी टीकाकरण की सुविधा और स्वास्थ्य जांच नहीं करवाई गई है, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री और एएनएम का स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए उनका वेतन रोकने तथा आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही स्थानीय पटवारी को निर्देशित किया कि आंगनवाड़ी केंद्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों को नियमानुसार स्वास्थ्य जांच, काउंसलिंग और टीएचआर (टेक होम राशन) मिलना चाहिए। उन्होंने पटवारी को निर्देशित किया कि पहली बार प्रेग्नेंट होने वाली और एनीमिया से पीड़ित प्रतीत होने वाली महिला की प्रॉपर स्वास्थ्य जांच करवाएं तथा इसकी व्यक्तिगत निगरानी करते हुए कृत कार्यवाही का विवरण भी उपलब्ध करवाएं। जिलाधिकारी ने संबंधित महिला के घर जाकर उसके स्वास्थ्य की निगरानी की तथा दी जाने वाली सुविधाओं तथा टीकाकरण की जानकारी भी ली।

ALSO READ:  ऋषिकेश :उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों की मांग, पंचायत चुनाव करवाने का यह समय ठीक नहीं सरकार सोचे इस पर...भूमाफिया के खिलाफ भी सीबीआई जांच हो

इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी रोशन लाल, तहसीलदार थलीसैण आनंदपाल, एबीडीओ धनपाल सिंह नेगी, उपनिरीक्षक पुलिस संजीव ममगांई, ग्राम प्रधान ग्राम प्रधान अमर सिंह नेगी स्थानीय कार्मिक सहित संबंधित ग्राम वासी उपस्थित थे।

Related Articles

हिन्दी English