पौड़ी : गोविंद बल्लब पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के तत्वाधान में एक दिवसीय जिला पर्यावरण योजना परामर्शी कार्यशाला का हुआ आयोजन, डीएम खुद रहे मौजूद

ख़बर शेयर करें -

पौड़ी : गोविंद बल्लब पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के तत्वाधान में एक दिवसीय जिला पर्यावरण योजना परामर्शी कार्यशाला का आयोजन जिला कार्यालय सभागार जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।

ई-कचरे के निस्तारण को लेकर जिलाधिकरी ने नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को शहरों के अन्दर दो प्रमुख स्थानों का चयन करते हुए 15 दिन के भीतर संकलन पेटी/टंकी स्थापित करने के निर्देश दिये हैं। लोग इन इ-कचरा संकलन पेटी/टंकी का अधिक से अधिक उपयोग कर सके इस हेतु शहर के प्रमुख स्थानों पर इसकी सूचना चस्पा करवाना सुनिश्चित करें। वहीं हवा में प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए आवश्यक यांत्रिक उपकरणों के स्थापना को लेकर 15 दिन के भीतर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड उत्तराखण्ड की वेबसाईट का अवलोकन करते हुए वेबसाईट पर अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित सूचनाओं को अद्यतन करने के निर्देश दिये हैं।

ALSO READ:  उत्तराखण्ड के लोक साहित्य को डिजिटल स्वरूप में किया जाएगा संरक्षित - CM धामी

कार्यशाला में निस्तारित प्लास्टिक के उपयोग में आने वाली समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक के निस्तारण के फलस्वरुप प्राप्त अवशिष्टों के संकलन को लेकर एक केन्द्रीकृत व्यवस्था का होना अति आवश्यक है ताकि उद्यमी इस ओर आकृषित हो सके। उन्होने प्लास्टिक का उपयोग करने वाली कम्पनियों जो कि उत्पादों को इनके अन्दर रखकर बेचती है उनकी भी जवाबदेही तय किये जाने की आवश्यकता है। कहा कि कम्पनी जितना प्लास्टिक उत्पादन करता है उसी मात्रा में उनकों निस्तारण की जवादेही तय करने से प्लास्टिक के उपयोग पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा। ई-कचरे के निस्तारण को लेकर जिलधिकारी ने कहा कि जनपदों के छोटे-छोटे निकायों में सिमित मात्रा में ई-कचरे का उत्पादन होता है जिसके एकत्रीकरण व निस्तारण के लिए भी एक केन्द्रीकृत व्यवस्था का होना आवश्यक है ताकि इसका व्यवस्थित ढंग से निस्तारण हो सके।

ALSO READ:  उत्तराखंडी सिनेमा पटल पर नई इबारत लिखने जा रही है गढ़वाली फिल्म "बीरा"...शूटिंग जारी

कार्यशाला में गोविन्द बल्लब पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक/सैद्धान्तिक प्रोजेक्ट इन्वेस्टीगेटर जे0सी0 कुनियाल ने सॉलेड वेस्ट, बायो वेस्ट, डेमोलीशन वेस्ट, इलैक्ट्रॉनिक वेस्ट, प्लास्टि वेस्ट सहित कुल 15 बिन्दुओं पर सम्बन्धित रेखीय विभागों के अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। कहा कि जनपद पौड़ी में उत्पादित होने वाले कुल कूडे का 80 प्रतिशत से अधिक कूड़े का श्रोत पर ही पृथकीकरण कर देना एक बडी उपलब्धि है। उन्होने फॉरेस्ट फायर मेनेजमेन्ट, बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेन्ट, वाटर वेस्ट मेनेजमेन्ट, घ्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। जिसपर जिलधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये है।

कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, डीएफओ मुकेश कुमार, एडीएम इला गिरी के अलावा निर्माणदायी संस्थाओं के अधिकारी व नगर निकायों के अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

हिन्दी English