देवप्रयाग : इलेक्टोरल बांड मतलब भाजपा के भ्रष्टाचार का गोरखधंधा : उत्तम सिंह असवाल

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 देवप्रयाग : कांग्रेस जिलाअध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए और प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि अमृत काल के नाम पर देश के साथ अन्याय हुआ है. भाजपा सरकार  को सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखाते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द कर दिया.  अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को राजनीतिक पार्टियों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देना पड़ेगा . सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखना सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन है.
 आखिर देश का पैसा है, कौन दे रहा है, कौन ले रहा है, देशवासियों को इसकी जानकारी तो होनी ही चाहिए।असवाल ने आरोप लगाते हुए कहा,  प्रधानमंत्री मोदी छिप-छिप कर चोरी कर रहे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड देने वाले का नाम नहीं बताया जाता है, ताकि ये न पता चले भाजपा को किस-किसने किसको कितने रूपये का चंदा दिया। ये आम जनमानस के सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। मोदी सरकार ने संशोधन कर ये कानून बना दिया था कि कोई कंपनी, किसी भी राजनीतिक दल को कितना भी पैसा दे सकती हैं। यानी भाजपा अपने उद्योगपति मित्रों से मनमाना पैसा ले सकती है।जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 से 2022 के बीच भाजपा को रिकॉर्ड 5271 करोड़ रुपये का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिला। इतना चंदा आजतक के इतिहास में किसी पार्टी को नहीं मिला. जितना भाजपा को अकेले छह सालों में मिल गया। 2022-23 में राष्ट्रीय पार्टियों को 850.438 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। इसमें 719.85 करोड़ रुपए अकेले भाजपा को मिले थे। चुनाव में ख़र्चों और पारदर्शिता पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में कॉर्पोरेट चंदा का 90 फीसदी अकेले भाजपा को मिला।
 सरकार ने भाजपा सरकार  के उद्योगपति मित्रों को देश लूटने की छूट दी. बदले में  उद्योगपति मित्रों ने जमकर भाजपा की तिजोरी भरी।  भाजपा जानती थी कि जनता को सच पता चल गया तो उनकी कलई खुल जाएगी। जनता समझ जाती कि इसी चंदे की लालच में प्रधानमंत्री मोदी  देश को नीलाम कर रहे हैं। भाजपा  ने पूरा जोर लगा दिया था कि आम आदमी को ये न पता चल पाए कि भाजपा को चंदा किस-किसने दिया। सरकार ने अदालत में भी कहा कि  यह  तक कह दिया कि आम आदमी को ये जानने का अधिकार नहीं है । इलेक्टोरल बॉन्ड ही नहीं बल्कि संसद में कानून बनाकर देश लूटने के कई और रास्ते बनाए गए। कई कानूनों को बदलकर बर्बाद किया गया, ताकि उद्योगपति मित्रों को देश लूटने में कोई बाधा न पैदा हो। जिसके बदले में भाजपा की काली कमाई हुई।उत्तम सिंह असवाल  आगे  कहा कि ये सवाल आपके मन में भी उठ रहा होगा कि खुद को राष्ट्रवादी कहने वाली सरकार का चरित्र इतना खतरनाक और देशविरोधी कैसे हो सकता है ? आखिर, मोदी सरकार चंदा नेताओं का नाम क्यों छुपाना चाहती है। जिला कांग्रेस कमेटी देवप्रयाग इसका घोर विरोध करती है।

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