ऋषिकेश : बीन नदी पर पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण जुटे जलधारा के बीचों बीच, धरना देकर किया प्रदर्शन


- धरना प्रदर्शन उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के आह्वान पर किया गया था जिसमें स्वाभिमान मोर्चा और उक्रांद जैसे संगठन /दल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे
- बीन नदी राजाजी नेशनल पार्क एक अन्दर पड़ती है, ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर
- लम्बे समय से ग्रामीण करते आ रहे हैं मांग नदी पर पुल निर्माण की मांग
- बरसात में नदी में पानी आ जाने की वजह से आवाजाही हो जाती है बंद
ऋषिकेश : राजाजी नेशनल पार्क के अन्दर यमकेश्वर तहसील के अंतर्गत लम्बे समय से ऋषिकेश-हरिद्वर मार्ग पर बीन नदी पुल निर्मांण की मांग की जाती रही है. बुधवार को भी उसी मांग को लेकर ग्रामीण एकजुट हुए बीन नदी के बीचों बीच. ग्रामीणों का आरोप है. सरकार की वादा खिलाफी रही अभी तक. साथ ही सरकार और यमकेश्वर विधायक के द्वारा एक बार फिर पुल निर्मांण को लेकर स्थानीय जनता को गुमराह किया गया. बीन नदी की धारा के बीच डा. शक्तिशैल कपरुवांण के आह्वान पर स्थानीय ग्रामीणों व क्षेत्रीय सोच से जुड़े सामाजिक व राजनितिक जनों के साथ मिलकर एक दिवसीय धरना दिया गया. सामाजिक कार्यकर्त्ता व पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट के मुताबिक़, स्थानीय विधायक ने समाचारों में बड़ी बड़ी सुर्ख़ियों के माध्यम से वाह वाही बटोरी. जनता से सितम्बर माह में बीन नदी पुल का काम शुरु करने का वादा किया था. लेकिन पाँच-पाँच बार बीन नदी के नाम पर श्रीफल, नारियल फोड़कर व मार्किंग के नाम पर चूना डालकर अभी तक के जनप्रतिनिधि जनता पर आश्वासन रुपी चूना लगाकर गोल हो गये. इसलिए अबकी बार बीन नदी पुल आश्वासन की भेंट ना चढे और जनता पर फिर चुना ना लगे. क्षेत्र की आवाज मजबूती से उठाते हुये सत्ता पक्ष को जगाने का काम करते रहेंगे ।
अफ़सोस की आज बीन नदी जैसी महत्वपूर्ण समस्या पर जनता किसी तरह कार्यक्रम स्थल तक ना पहुँचे. भाजपा ने व्हिप जारी कर क्षेत्र की आवाज को दबाने के लिये और जनता को रोकने अपने पंचायत के प्रतिनिधियों को ज़िम्मेवारी दी. जिसका उदाहरण भाजपा के ज़िला पंचायत प्रतिनिधि की उपस्थिति कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर मौजुद रहीं. जो कभी बीन नदी पुल को लेकर कांग्रेस की तरफ़ से भाजपा को कटघरे में खड़ा करते थे. आज सत्तारुढी दल में पहुँचकर बीन नदी पुल की माँग को लेकर आयोजन स्थल पर पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाये । जब कि आज हमें क्षेत्रिय विकास को लेकर दलगत विचारों से उपर उठकर क्षेत्र हित में जनता की आवाज़ बनने की आवश्यकता है. वरना आपसी विचार धाराओं के द्वंद के चलते क्षेत्रिय विकास का बंटाधार होना निश्चित है. ईसलिये समस्त क्षेत्र प्रेमियों से आह्वान किया जाता है. क्षेत्रीय मुद्दों पर आवाज़ उठाने वाले युवाओं को प्रोत्साहन दें. मनोबल बढ़ायें इतिहास गवाह है. जनता की आवाज ने असंम्भव काम को संम्भव में बदलकर सरकारों को झुकने को मजबूर किया है. प्रदर्शन करने वालों में, सुदेश भट्ट, यशपाल अश्वाल ,डा. शक्तिशैल कपरुवांण, वीपी भट्ट, सोहन लाल अमोली, प्रधान ताछला, बलवीर सिंह, ग्राम प्रधान देवराना,अर्जुन सिंह नेगी, सौरभ बेलवाल, अभिषेक बेलवाल, कल्याण भंडारी, ऋषि रानाकोटी, चक्रधर जोशी, सत्येन्द्र चौधरी,सूर्यमणि राणाकोटी, विजेंद्र, विजेंद्र रावत, सतीश भट्ट, महिलाओं में पूनम रिन्गोला, कमला नेगी, सुनीता नेगी, शाकम्बरी नेगी, विमला नेगी, मुन्नी देवी, रामेश्वरी देवी, अन्नू कंडवाल, मंजू ग्वाड़ी, कुसुम कुकरेती व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे.