दिल्ली : राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े का घोड़ा ‘विराट’ को दी शानदार विदाई, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री ने भी की तारीफ, उत्तराखण्ड में ली थी ट्रेनिंग
विराट ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के रिमाउंट ट्रेनिंग स्कूल हेमपुर से ट्रेनिंग पूरी की थी
नई दिल्ली : कहते हैं सबसे पहले इंसान के साथ घोड़े ने साथ दिया. घोड़ा ही उन जानवरों में से एक था जो इंसान के साथ परिवहन, आने जाने में सबसे अधिक प्रयोग में लाया जाता था. आज वही घोड़ा देश के सर्वोच्च घोड़ों में से एक बनकर सेवानिवृत हो गया.
नाम है उसका विराट. जैसा नाम वैसी खूबी. कद काठी, सुंदरता और अनुशासन. इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है विराट के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) विदा कर रहे हैं. यह एक शानदार पल था. देखने लायक 26 को जनवरी को राजपथ पर. वहां मौजूद लोग सभी विराट के बारे में बात कर रहे थे. वहीँ प्रधानमंत्री मोदी ने विराट के पीठ थपथपाई. विराट ने अपनी सेवा के दौरान कई राष्ट्रपतियों को सलामी दी थी।जिसमें देश और विदेश के दोनों हैं.
सेना ने भी ख़ास कार्ड से नवाजा विराट को. विराट को अपनी विशिष्ट योग्यता और सेवा के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया है। अपनी सेवा के दौरान विशेष कार्य और अनुशासन के लिए विराट को यह सम्मान दिया गया है। काले रंग के शानदार कदकाठी वाले घोड़े ‘विराट’ ने गणतंत्र दिवस परेड में 13 बार हिस्सा लिया है. विराट होनोवेरियन नस्ल का घोड़ा है। विराट की बात करें तो 2003 में राष्ट्रपति के अंगरक्षक दल यानी (पीबीजी) में शामिल हुआ था विराट.
विराट ने उत्तराखण्ड में ली थी ट्रेनिंग-
विराट ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के रिमाउंट ट्रेनिंग स्कूल हेमपुर से ट्रेनिंग पूरी की थी। घोड़ा विराट 2003 में राष्ट्रपति के अंगरक्षक फैमिली में शामिल हुआ था। विराट राष्ट्रपति के अंगरक्षक के चार्जर के रूप में भारतीय सेना उसे विशेष सम्मान दिया है।
इससे पहले विराट ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी सेवाएं दी हैं। प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड (PBG) ने गणतंत्र दिवस परेड 2022 के बाद विराट के रिटायर होने का ऐलान किया था।