दिल्ली : आत्मा राम सनातन धर्म महाविद्यालय (ARSD) दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्थापना दिवस कॉलेज प्रांगण में मनाया, मुख्य अतिथि रहे लोक सभा सांसद डॉ.अशोक यादव
“आज मैं भी गर्व से कह सकता हूँ कि मैंने जिस कॉलेज से पढ़ाई की वह देश में सातवें स्थान पर है” - लोक सभा सांसद डॉ.अशोक यादव

दिल्ली : धौलाकुआं स्थित आत्मा राम सनातन धर्म महाविद्यालय (ARSD) (दिल्ली विश्वविद्यालय) का 63वाँ स्थापना दिवस आज कॉलेज प्रांगण में मनाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में लोक सभा सदस्य अशोक यादव ने शामिल होकर स्थापना दिवस की गरिमा बढ़ाई। इस अवसर पर सांसद डॉ. अशोक यादव ने कहा कि “कॉलेज के प्राचार्य महोदय ने मुझे मेरे अपने कॉलेज में आने का मौका दिया इसके लिए मैं उनको हृदय की गहराई से धन्यवाद देता हूँ।इस कॉलेज में आकर आज मुझे लग रहा है कि मैं अपने घर में फिर से वापिस आ चुका हूँ। आज मैं भी गर्व से कह सकता हूँ कि मैंने जिस कॉलेज से पढ़ाई की वह देश में सातवें स्थान पर है। स्थापना दिवस पर आप सबको बधाई देते हुए इस कॉलेज के संस्थापकों को नमन करना चाहूंगा जिन्होंने महान आदर्शों को ध्यान में रखते हुए कॉलेज की स्थापना की और हम सबको मौका दिया कि हम यहां ज्ञान रूपी उस पूंजी को अर्जित करें जो न हमसे कोई छीन सकता है न उसकी चोरी की जा सकती है।मैं कॉलेज की उस मिट्टी को भी नमन करता हूँ जिसके प्रांगण में आकर मैंने वह सब सीखा जो आज मैं अपने जीवन कर रहा हूँ।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आत्मा राम सनातन धर्म महाविद्यालय हर क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है।मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारा कॉलेज भारत का नंबर एक कॉलेज बनेगा। उन्होंने कॉलेज समुदाय के सभी सदस्यों से आह्वान किया कि आजादी के पचाहत्तरवें वर्ष में हम सब को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सब भारत को विश्व मे पहले स्थान पर पहुंचाने का प्रयास करेंगे।उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि देश और समाज को सिर्फ किताबी ज्ञान के बल पर समझने का प्रयास न कर व्यवहारिक ज्ञान के माध्यम से भी जानने और समझने की कोशिश करें ताकि आपका ज्ञान आपके साथ देश की बड़ी ग्रामीण आवादी के विकास में भी काम आए।”
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ज्ञानतोष कुमार झा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज से 63 साल पूर्व जिन लोगों ने प्रवासी के रूप में पाकिस्तान से भारत आकर समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के लिए इस महाविद्यालय की स्थापना की उनके त्याग और तपस्या को याद करने का यह अवसर है। मैं उनके प्रति हृदय से अपना आभार व्यक्त करता हूँ। पिछले 63 वर्षों में जिन शिक्षकों और कर्मचारी ने अपना योगदान दिया उसी का प्रतिफल है कि आज यह कालेज इस मुकाम तक पहुँच पाया है. उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था सिर्फ इमारत से नहीं बनती बल्कि उनमें काम करने वाले जीवंत लोगों से बनती है, उनके काम को याद रखने की जरूरत है।कॉलेज को मिले सातवें रैंक को उन्होंने चुनौती मानते हुए कहा कि हमें अभी और आगे जाना है तथा विश्वास है कि एक दिन हम कॉलेज को नंबर एक रैंक दिलाने में सफल होंगे।इसके लिए कॉलेज के सभी सदस्यों को इस समूहिक प्रयास में मिलकर एक साथ काम करना होगा। इस अवसर पर कॉलेज गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष पवन जग्गी ने कहा कि कालेज का आज ऑल इंडिया रैंकिंग 7वें स्थान पर है। कालेज को लगातार आगे बढ़ते हुए देखकर अच्छा लगता है और सभी प्रोफेसर, कर्मचारी एवं पूर्व और वर्तमान छात्र छात्राएं इसके लिए बधाई के पात्र हैं।इस अवसर पर कॉलेज गवर्निंग बाडी के ट्रेजरार प्रो. प्रेम लाल उनियाल, कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष जेएस आर्या ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय के इतिहास की एक संक्षिप्त झांकी प्रस्तुत की गई और कॉलेज हैंडबुक का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कालेज के पूर्व शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी डॉ एम एल मालिक, के एल कांडा तथा उषा गुप्ता,नंदराम, मुरलीधर आदि को सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक अजीत कुमार ने किया तथा संचालन डॉ. रोजी सिन्हा और डॉ. अंजली गुप्ता ने किया।




