देहरादून : उत्तराखंड में हिमांचल की तर्ज़ पर हो एक सख्त भू क़ानून…10 अप्रैल को मंत्रणा सभा होगी आयोजित : शंकर सागर रावत

ख़बर शेयर करें -

देहरादून : उत्तरखंड में भू कानून को लेकर मांग अब तेजी से उठने लगी है. नई सरकार आयी है और सरकार से कुछ उम्मीद जगी है. हिमांचल की तर्ज़ पर हो एक सख्त भू क़ानून को लेकर 10 अप्रैल 2022 को सांय 4 बज़े “भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान” उत्तराखंड ने पंडित दीनदयाल पार्क में एक मंत्रणा सभा का आयोजन रखा हैं.

आपको बता दें, भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान समिति संस्थापक/संयोजक शंकर सागर रावत ने ‘नेशनल वाणी’ को बताया, 2016 से लगातार भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान भू-क़ानून को लगातार राज्य के 24 लाख परिवार 1.35 करोड़ जनता को जनजागृत करते आ रही हैं. वहीं पूर्व के सभी मुख्यमंत्रियों सहित वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अभियान अपनी इस राज्यहित अहम मुद्दे को समझाने में सफल रही. सरकार ने चुनाव पूर्ण प्रचंड वेग से उठी इस माँग पर कमेटी बनाई. इसके पीछे भी 84 दिनों से पहली बार अभियान की महिलाओं ने पंडित दीनदयाल पार्क में अनशन किया, जिसमें अभियान के साथ दर्जनों अन्य संगठनों का भी सहयोग रहा.

ALSO READ:  Congress: चुनाव प्रभारी प्रकाश जोशी द्वारा ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र के सभी सेक्टर प्रभारियों साथ बैठक की

उत्तराखंड की वर्तमान सरकार की दिशा पर अभियान पैनी नज़र बनाए हुए है और गठित भू-क़ानून संसोधन समिति से भी लगातार संपर्क कर राज्यहित में समन्वय बनाए हुए हैं. आगे की अभियान की भावी रणनीति बनाने के लिए 10 अप्रैल को मंत्रणा सभा रखी गयी हैं. जिसमें 3 बजे से हवन कार्यक्रम होगा और 4 बजे से मंत्रणा सभा होगी. आगे की अभियान की रणनीति और दिशा तय की जाएगी.

ALSO READ:  ऋषिकेश : आगामी चुनाव में भी पार्टी अपनी नीतियों और सिद्धांतों के आधार पर जनता का समर्थन प्राप्त करेगी-दीपक प्रताप जाटव

अल्मोड़ा के चौखुटिया निवासी शंकर सागर रावत लंबे समय से उत्तराखंड में हिमाचल की तरह भू कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. रावत के मुताबिक 2018 तक एक लाख 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बिक गई थी. यह प्रदेश सरकारों की लापरवाही व पहाड़ के प्रति उदासीनता का नतीजा है. शंकर पिछले 12 साल से इस अभियान से जुड़े हैं, लेकिन अब युवाओं, महिलाओं समेत हर वर्ग के लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है.ऐसे में रावत का कहना है जब अपनी जमीन ही नहीं बचेगी तो कहाँ जाओगे ? क्या करोगे? खानाबदोश की जिंदगी बन कर रह जाएगी हमारी.

Related Articles

हिन्दी English