देहरादून : रिस्पना एवं बिंदाल नदी में “एलिवेटेड रोड” को 6 लेन बनाए जाने की सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश
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देहरादून : मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने रिस्पना एवं बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव के समक्ष फीजीबिलिटी स्टडी का प्रस्तुतीकरण किया गया।
मुख्य सचिव ने रिस्पना एवं बिंदाल नदी में एलिवेटेड रोड को 6 लेन बनाए जाने की सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तैयार होने के बाद यह सड़कें देहरादून की सड़कों का कंजेशन काफी हद तक कम करने में कारगर सिद्ध होंगी।मुख्य सचिव ने कहा कि नदियों के दोनों किनारों पर भी वाहन चलाने योग्य सड़कों के निर्माण की संभावनाओं को भी तलाशा जाए, जिससे नदियों के आसपास की बस्तियों को आवागमन की सुविधा मिल सके।
ज्ञानतव्त हो कि पूर्व में मुख्य सचिव ने रिस्पना और बिंदाल नदियों में एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए फीजिबिलिटी सर्वे किए जाने के निर्देश दिए थे। जिसके अनुपालन में विधानसभा के पास रिस्पना पुल से सहस्त्रधारा और बिंदाल नदी पर हरिद्वार बायपास से मैक्स अस्पताल के पास तक एलिवेटेड सड़क का फीजिबिलिटी सर्वे किया गया।इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी सहित अन्य सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्यों बनाया जाता है एलिवेटेड रोड ?
एलिवेटेड रोड का निर्माण उन जगहों पर होता है, जहां ट्रैफिक ज्यादा रहती है. एलिवेटड रोड तकनीकी रूप से एक पुल की तरह होता है. वैसे इलाकों में एलिवेटेड रोड निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है. जहां घनी आबादी की वजह से जमीन का अधिग्रहण मुश्किल हो जाता है. इसके अतिरिक्त नजदीकी इलाकों को भी एलिवेटड रोड के सहारे जोड़ा जा सकता है. आज दुनिया भर के वैसे शहर जहां आबादी घनी और ट्रैफिक ज्यादा है, वहां एलिवेटेड रोड के निर्माण में वृद्धि देखी जा रही है.
क्यों बनाये जाते हैं एलिवेटेड रोड, क्या है खासियत ?
भारत में कई शहरों में एलिवेटेड रोड है. इनमें चंडीगढ़, नोएडा और बेंगलुरू शहर में एलिवेटेड रोड शामिल है लेकिन सबसे लंबा एलिवेटेड रोड गाजियाबाद का है.