देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत ने उठाये कई सवाल हार के बाद, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रीतम सिंह को भी खड़ा किया कटघरे में
देहरादून: कांग्रेस विधानसभा चुनाव हार गयी है. अब आरोप प्रत्याआरोप शुरू हो गया है. ऐसे में राज्य का सबसे बड़ा चेहरा हरीश रावत खुद चुनाव हार गए हैं. अब आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. हरीश रावत ने कई सवाल खड़े किये हैं, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रीतम सिंह पर भी सवाल उठाये हैं.
इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत के अप्रत्याशित रूप से रामनगर सीट से दावेदारी पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सवाल उठाए थे. अब उसके बाद हरीश रावत ने पलटवार करते हुए प्रीतम को तो नसीहत की ही साथ में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी परोक्ष रूप से हमला बोला। हरीश रावत ने कहा “प्रीतम ने एक बहुत सटीक बात कही कि आप जब तक किसी क्षेत्र में 5 साल काम नहीं करेंगे तो आपको वहां चुनाव लड़ने नहीं पहुंचना चाहिए. फसल कोई बोये काटने कोई और पहुंच जाए. लेकिन मैं तो चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव प्रचार करना चाहता था. स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राय दी गई कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए।इसके बाद मैंने रामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की. वर्ष 2017 में भी वहीं से लड़ना चाहता था, पर रणजीत रावत की गुजारिश पर किच्छा चला गया था.मुझे रामनगर से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का था और मुझे रामनगर के बजाय लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का ही था”.
रावत ने खुलासा किया कि लालकुआं के हालत देख जब वहां से चुनाव लड़ने की अनिच्छा जाहिर की तो पार्टी प्रभारी ने पार्टी के सम्मान का हवाला देते हुए पीछे न हटने का अनुरोध करते हुए असहमति जता दी. आगे रावत ने कहा कि वो किसी क्षेत्र में पांच साल काम करने के बाद ही चुनाव लड़ने की बात से सहमत हैं. लेकिन इस विषय पर सार्वजनिक बहस नहीं बल्कि पार्टी के अंदर विचार मंथन कर लिया जाना चाहिए. आने वाले दिनों में कांग्रेस में और घमासान होने की संभावना जताई जा रही है जिस तरीके से चीजें बदली और उसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा राज्य के विधानसभा चुनाव में.