30 टुकड़ों में मिली लाश फास्टैग बेचने वाले युवक की, बचपन के दोस्त निकले कातिल
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कई दिनों से लापता चल रहे रहे फास्टैग बेचने वाले युवक इरफान का आखिरकार पुलिस ने पता लगा ही लिया। लेकिन इरफान जिंदा नहीं बल्कि उसकी लाश 30 टुकड़ों में मिली। जिससे परिजनों में हड़कंप मच गया।मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले का है. हत्या फास्टैग बेचने वाले युवक के बिजनेस पार्टनर ने की थी।
हापुड़ पुलिस ने बिजनेस पार्टनर को गिरफ्तार कर शव को बरामद किया है। हत्या के बाद शव को बुलंदशहर-हापुड टोल प्लाजा के पास बंजर भूमि में दबाया गया था। शव के 30 टुकड़े देखकर पुलिसकर्मियों को भी चक्कर आ गया।फास्टैग बेचने वाला युवक इरफान गत 18 मार्च से लापता चल रहा था। हापुड़ पुलिस ने लापता इरफान के शव को खोज निकाला। मृतक इरफान को उसके बचपन के दोस्त और बिजनेस पार्टनर मोहम्मद रागीब और एक दोस्त मोहम्मद आकिब को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी माजिद फरार है। पुलिस ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि रुपये के विवाद में इरफान की उसके दोस्तों ने हत्या की है। टोल प्लाजा के पास फास्टैग बेचने वाली अपनी दुकान से घर नहीं लौटने पर इरफान के परिजनों ने लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उसके दोस्त रागीब, जो टोल प्लाजा के पास एक रेस्टोरेंट भी चलाता है, ने इरफान के बिजनेस में पैसा लगाया और उनके साथ पार्टनर के तौर पर जुड़ गए। दोनों ने मोहम्मद आकिब को उनकी अनुपस्थिति में दुकान की देख-रेख करने के लिए काम पर रखा था, बाद में, जब रागीब ने व्यापार में हिस्सा मांगा जिसे इरफान ने शुरू किया था। इसी को लेकर दोनों पार्टनर के बीच विवाद हो गया। रागीब ने इरफ़ान से कहा कि वह फास्टैग की दुकान को सौंप दे या उसके द्वारा लगाए गए पैसे वापस करे। इरफान के मना करने पर रागीब ने उसे मारने का फैसला किया.
हापुड़ के एसएसपी दीपक भुकर ने बताया कि इरफान के दोस्तों राकिब और आकिब को पूछताछ के लिए बुलाया। उन्होंने शुरू में पुलिस को चकमा दिया। लेकिन जल्द ही उन्हें पकड़ लिया गया। कॉल डिटेल से पता चलता है कि जिस रात वह लापता हुआ था। उस रात वे लगातार उसके संपर्क में थे।