ऋषिकेश: ईगास बग्वाल की पूर्व संध्या पर “गढ़ रक्षक महोत्सव” में उमड़ा जनसैलाब

ऋषिकेश : उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोक अस्मिता को समर्पित “गढ़ सेवा संस्थान” के तत्वावधान में ईगास बग्वाल की पूर्व संध्या पर अमितग्राम, शहीद स्मारक प्रांगण में “गढ़ रक्षक महोत्सव” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं ऋषिकेश विधायक डॉ. प्रेम चंद अग्रवाल उपस्थित रहे, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड सरकार में दायित्वधारी (राज्य मंत्री) श्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने शिरकत की।

महोत्सव के दौरान हजारों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर उत्तराखंडी संस्कृति का भव्य प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा प्रसिद्ध “पंडवाज बैंड” का लाइव कॉन्सर्ट, जिसने अपने लोकगीतों और पहाड़ी धुनों से पूरे वातावरण को उल्लासमय बना दिया। बैंड के प्रस्तुतीकरण पर दर्शक झूम उठे और देर रात तक उत्तराखंडी लोक संगीत की गूंज गूंजती रही।कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ दीप प्रज्वलन एवं देवी देवताओं की वंदना से हुआ। इस अवसर पर गढ़ सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने बताया कि “गढ़ रक्षक महोत्सव” का उद्देश्य युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ना, लोक संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देना तथा समाजसेवा के क्षेत्र में कार्यरत प्रतिभाओं को सम्मानित करना है।इस अवसर पर विधायक डॉ. प्रेम चंद अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि ईगास बग्वाल हमारी लोक पहचान का प्रतीक पर्व है। यह त्योहार हमें अपनी विरासत, परंपरा और एकता की भावना को सहेजने का संदेश देता है। गढ़ सेवा संस्थान द्वारा इस आयोजन के माध्यम से संस्कृति और समाजसेवा के जो उत्कृष्ट प्रयास किए जा रहे हैं, वे प्रशंसनीय हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान रखती है और इस तरह के आयोजन युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का माध्यम बनते हैं। उन्होंने क्षेत्रवासियों के साथ पारंपरिक “भैलो” नृत्य में भी प्रतिभाग कर लोक उल्लास का आनंद साझा किया।कार्यक्रम में राज्य मंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने कहा कि गढ़वाल की संस्कृति हमारी आत्मा में बसती है। जिस तरह से ऋषिकेश में यह आयोजन हुआ है, यह हमारे लोक जीवन की ऊर्जा का प्रतीक है। सरकार भी लोकसंस्कृति के संवर्धन हेतु लगातार कार्य कर रही है।” महोत्सव में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा लगाए गए पारंपरिक पहाड़ी व्यंजनों एवं उत्पादों के स्टॉलों ने लोगों को आकर्षित किया। क्षेत्रीय हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, बांस-बुरांश से निर्मित वस्तुएं और लोक स्वाद से भरे व्यंजन लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। इस दौरान गढ़ सेवा संस्थान द्वारा समाज सेवा, लोक संस्कृति, शिक्षा, शिल्प और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले उत्तराखंड के उत्कृष्ट शिल्पकारों एवं समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।
अंत में संस्थान के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों, प्रशासनिक अधिकारियों, स्वयंसेवकों एवं मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया और संकल्प लिया कि भविष्य में भी इस महोत्सव को और भव्य रूप में मनाया जाएगा।इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह राणा,उपाध्यक्ष राजवीर रावत, कोषाध्यक्ष अरुण बडोनी, सचिव गोपाल सती, निदेशक मनोज ध्यानी, दिनेश पयाल, सुमित पंवार, ताजेंद्र नेगी एवं विजय रावत,कौशल बिजलवान , रोशन रंगाड़ नगर पंचायत अध्यक्ष लंबगाँव,चंद्रमोहन पोखरियाल , मयंक भट्ट छात्रसंघ अध्यक्ष , कैलास सेमवाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।



