स्वच्छता रैकिंग 2025….लगातार 8वीं बार इंदौर बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, उत्तराखंड का कोई शहर नहीं लिस्ट में

उत्त्तराखण्ड की बात करें तो थोड़ी बहुत लालकुआं ने मान रख डाला, होनहार शहर के तौर पर अवार्ड मिला है बस

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  • इंदौर के सबसे स्वच्छ शहर घोषित होने पर कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान हासिल किया
  • लगातार 8वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है.  इंदौर, नोएडा-लखनऊ भी चमके 
  • नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की गई है. बताया जा रहा है कि इंदौर को सूरत और पुणे से टक्कर मिल रही थी
  • इंदौर को एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किय गया है. इंदौर को लगातार 8वीं बार ये सम्मान मिला है.
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में ये सम्मान दिया है.
  • स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार चार हजार पांच सौ से अधिक शहरों को शामिल किया गया.
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु  ने  17 जुलाई, 2025 को प्रतिष्ठित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार प्रदान किये.
  • इस वर्ष 4 श्रेणियों में कुल 78 पुरस्कार प्रदान किए
  • मूल्यांकन में 14 करोड़ लोगों ने भाग लिय
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में 10 सुपरिभाषित मापदंडों का उपयोग करते हुए शहरी स्वच्छता और सेवा वितरण का आकलन करने के लिए एक स्मार्ट, संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया
  • उत्तराखंड का कोई शहर इस बार लिस्ट में नहीं है….न देहरादून, न ऋषिकेश, न मुनि की रेती.
  • लेकिन, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह 2024 के दौरान लालकुआं, नैनीताल को उत्तराखंड के होनहार स्वच्छ शहर से सम्मानित किया गया।थोड़ा मान रख दिया इसने।
नई दिल्ली :   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री  मनोहर लाल और आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री  तोखन साहू की उपस्थिति में प्रतिष्ठित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार प्रदान किये.

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण का 9वां संस्करण है। यह ऐतिहासिक आयोजन स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) को आगे बढ़ाने वाले शहरों के अथक प्रयासों को मान्यता देते हुए शहरी भारत के सबसे स्वच्छ शहरों को पुरस्कृत किया गया.   इस वर्ष सुपर स्वच्छ लीग शहर, 5 जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष, स्वच्छ शहर, विशेष श्रेणी: गंगा शहर, छावनी बोर्ड, सफाई मित्र सुरक्षा, महाकुंभ, राज्य स्तरीय पुरस्कार – राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का होनहार स्वच्छ शहर आदि चार श्रेणियों में कुल 78 पुरस्कार प्रदान किए गए.

स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस), स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत एक ऐतिहासिक पहल है जो पिछले नौ वर्षों से शहरी भारत की स्वच्छता की यात्रा में एक निर्णायक शक्ति बन गई है और जन समर्थन से साथ लोगों की सोच को आकार देकर स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रही है। वर्ष 2016 में 73 शहरी स्थानीय निकायों से शुरू होकर, इसका नवीनतम संस्करण अब 4,500 से अधिक शहरों तक पहुंच गया है। इस वर्ष के पुरस्कार न केवल सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ शहरों को सम्मानित करते हैं, बल्कि प्रगति की मजबूत संभावनाओं वाले छोटे शहरों को भी मान्यता और प्रोत्साहन देते हैं।स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार “रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल” की थीम पर केंद्रित हैं। 3,000 से ज़्यादा मूल्यांकनकर्ताओं ने 45 दिनों की अवधि में देश भर के हर वार्ड में गहन निरीक्षण किया। समावेशिता और पारदर्शिता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ, इस पहल में 11 लाख से ज़्यादा घरों का मूल्यांकन शामिल था – जो राष्ट्रीय स्तर पर शहरी जीवन और स्वच्छता को समझने के लिए एक व्यापक और दूरगामी दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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वर्ष 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण मूल्यांकन में 14 करोड़ नागरिकों ने प्रत्यक्ष संवाद, स्वच्छता ऐप, माईगव और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भाग लिया था।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शहरी स्वच्छता और सेवा वितरण का आकलन करने के लिए एक स्मार्ट, संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें 54 संकेतकों के साथ 10 सुपरिभाषित मापदंड शहरों में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन का संपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं।स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों के लिए सुपर स्वच्छ लीग (एसएसएल) की शुरुआत कर रहा है। सुपर स्वच्छ लीग का उद्देश्य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्वच्छता के ऊच्च मानकों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने के साथ ही अन्य शहरों को भी अपने प्रदर्शन में सुधार करने और शीर्ष रैंकिंग के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहित करती है। सुपर स्वच्छ लीग में वे शहर शामिल हैं जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में स्थान पा चुके हैं और चालू वर्ष में अपनी संबंधित जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 20 प्रतिशत में बने हुए हैं।

स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार, शहरों को जनसंख्या के आधार पर पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है जिनमें (1) बहुत छोटे शहर: < 20,000 जनसंख्या , (2) छोटे शहर: 20,000 – 50,000 जनसंख्या , (3) मध्यम शहर : 50,000 – 3 लाख जनसंख्या, 4) बड़े शहर: 3 – 10 लाख जनसंख्या और (5) दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर : > 10 लाख जनसंख्या शामिल हैं । प्रत्येक श्रेणी का मूल्यांकन उसके आकार और विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप मानकों के आधार पर किया गया है। सबसे स्वच्छ शहरों को प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि छोटे शहरों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिले और वे हमेशा की तरह आगे रहने वाले शहरों के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।

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स्वच्छ शहर-Swachh Shehar (10 लाख से ज्यादा आबादी)
1. अहमदाबाद
2. भोपाल
3. लखनऊ

स्वच्छ शहर अवार्ड (3 से 10 लाख आबादी)
1.मीरा भायंदर
2.बिलासपुर
3. जमशेदपुर

स्वच्छ शहर अवार्ड्स (50 हजार से 3 लाख)
1.देवास
2.करहद
3. करनाल

इंदौर के सबसे स्वच्छ शहर घोषित होने पर कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान हासिल किया है. इंदौर ने ये खिताब लगातार 8वीं बार जीता है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MOHUA) के समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार प्रदान किया.  केंद्र सरकार शहरों के बीच स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए हर साल ऐसा सर्वे कराती है. इसमें कई मानकों को शामिल किया जाता है. स्वच्छता सर्वेक्षण के 9वें वर्ष में प्रवेश करते हुए इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में 4500 से अधिक शहरों को शामिल किया गया था. इनमें स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और निस्तारण समेत 10 मापदंडों और 54 इंडीकेटर्स पर शहरों को परखा जाता है.स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शहरी स्वच्छता का आकलन करने के लिए एक स्मार्ट विजन अपनाया गया है. इसमें जनता की भागीदारी को बड़े पैमाने पर प्रमुखता दी जाती है.

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इस बार की थीम “रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल”

इस वर्ष का सर्वेक्षण “रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल” की थीम पर आधारित था. इसमें शहरी स्‍वच्‍छता और सेवा स्‍तर का आंकलन करने के लिए एक सजग, संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें 54 संकेतकों सहित 10 सुपरिभाषित मापदंडों पर शहरों में स्‍वच्‍छता और अपशिष्‍ट प्रबंधन के आधार पर लगभग 3 हजार से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा 45 दिनों तक देशभर के लगभग 4 हजार 500 से अधिक शहरों के प्रत्‍येक वार्ड का गहन निरीक्षण किया गया. स्‍वच्‍छता के विभिन्‍न मापदण्‍डों में समावेशिता, पारदर्शिता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता सहित 11 लाख से अधिक घरों का मूल्‍यांकन किया गया. यह राष्‍ट्रीय स्‍तर पर शहरी जीवन और स्‍वच्‍छता के मायने को समझने के लिए एक व्‍यापक और दूरगामी दृष्टिकोण को दर्शाता है. वर्ष-2024 के स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण के मूल्‍यांकन में लगभग 14 करोड़ देशवासियों द्वारा प्रत्‍यक्ष संवाद, स्‍वच्‍छता ऐप, माईगव और सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से अपना फीडबैक भी दिया गया.स्‍वच्‍छता में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले शहरों के लिए एक नई पहल सुपर स्‍वच्‍छ लीग (एसएसएल) की शुरूआत की गई है. सुपर स्‍वच्‍छ लीग का उद्देश्‍य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्‍वच्‍छता के उच्‍च मानकों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने के साथ ही अन्‍य शहरों को भी अपने प्रदर्शन में सुधार करने और शीर्ष रैंकिंग के लिए प्रतिस्‍पर्धा करने के लिये प्रोत्‍साहित करना है. स्‍वच्‍छ शहर लीग में वे शहर शामिल होंगे, जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में शामिल हुए हैं और वर्तमान में अपनी संबंधित जनसंख्‍या श्रेणी में शीर्ष 20 प्रतिशत में बने हुए हैं.

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