ऋषिकेश : कीर्तन भजन करने से  जीवात्मा    का  परमात्मा से मिलन होता है :युवराज गोपालचार्य जी महाराज

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  • तुलसी मानस मंदिर में  गोस्वामी तुलसीदास की जयंती आयोजन का तीसरा दिन
  • 10 दिवसीय कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण संस्कृति कार्यक्रम और इसके अलावा युवा प्रतिभा  सम्मान कार्यक्रम समेत कई कार्यक्रम आयोजित होंगे

ऋषिकेश : गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के उपलक्ष में श्री रामायण प्रचार समिति के 40वें वार्षिकोतत्सव के तहत आयोजित मानस कथा प्रवचन करते हुए कथावाचक युवराज स्वामी गोपालाचर्या जी महाराज ने कीर्तन भजन और पूजन को जीवात्मा को परमात्मा से मिलन का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से मानव कल्याण के कार्य करने वाले जीव पर भगवान शंकर की कृपा हो जाती है। तुलसी मानस मंदिर में आयोजित श्री राम कथा के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए कथावाचक ने कथा श्रवणकर्ताओं  को मनुष्य जीवन में पूजा पाठ और भजन कीर्तन का महत्व बताया।कहा कि नियमित पूजन, भजन, कीर्तन से प्रभु का गुणगान करने से घर में देवी देवताओं का वास होता है। नवाहन प्रातः कालीन बेला के व्यास आचार्य वेद प्रकाश मिश्र  ने संगीतमय  सामूहिक अखंड रामायण का पाठ किया।इस अवसर पर तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष महंत रवि प्रापन्नचार्य महाराज ने कहा श्रावण मास में कथा श्रवण करना और शिव को जल चढ़ाना धार्मिक कार्यों में उपस्थिति दर्ज करना काफी महत्वपूर्ण होता है। 10 दिवसीय कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण संस्कृति कार्यक्रम और इसके अलावा युवा प्रतिभा  सम्मान कार्यक्रम समेत कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। अपनी गढ़वाल संस्कृति को कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इस अवसर पर गोविंद रिमाल, मनीष डिमरी, अजय गर्ग, ललित जिंदल, नवल कपूर, राम चौबे, अभिषेक शर्मा, अमृतलाल नागपाल, अशोक कुमार अरोड़ा, पंकज शर्मा, प्रवीण अग्रवाल समेत सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।

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