टुकुर-टुकुर इन्तजार करती रही दुल्हन उस पार, दूल्हा नहीं कर पाया ‘सीमा पार’
मतदान शुरू होने के 72 घंटे पहले सीमा बंद कर दी गयी है

पिथौरागढ़ : खबर उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की है. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का दौर चल रहा है ऐसे में एक बारात को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आपको बता दें पिथौरागढ़ जिले से नेपाल सीमा लगी हुई है,सीमा पार करने की जगह है झूला घाट. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने भारत-नेपाल बॉर्डर बंद है. मतदान शुरू होने के 72 घंटे पहले सीमा बंद कर दी गयी है.

ऐसे में बारात जानी थी उस पार यानि नेपाल. अब जाए कैसे ? दुल्हन दूल्हे के इन्तजार में भावुक होये जा रही थी. दूल्हा जगदीश अपनी बारात लेकर निकला लेकिन “सीमा पार” न कर सका. पांच घंटे तक बारात झूला पुल पर रुकी रही. सब बारातियों की हालात खराब, कोई टॉयलेट देखे तो कोई सुर्रा का शौकीन तो कोई बीड़ी, सिगरेट. वहीँ दूल्हा जगदीश भी पुल पर बैठ गया बारात के साथ. बारात जा रही थी पीपलकोट जो नेपाल में है. यानी दो देशों के बीच रिश्तेदारी हो रही थी. आपको बता दें, प्राचीन समय से भारत और और नेपाल के बीच रोटी बेटी का सम्बन्ध है. पिथौरागढ़ जिले के मूनाकोट के खरक्यूड़ा से. मिन्नतों का दौर चला प्रशासन से कि खोल दो सीमा लेकिन नहीं खुली. कानून के हवाले दिए गए, शाशन-प्रशासन के आदेश बताये गए. बारात को सुबह जा कर शाम को लौटना था. यानी की वन-डे बारात थी जैसा क्षेत्र में कहा जाता है.
तो जनाब, दूल्हा जगदीश सिंह निकले शुक्रवार सुबह सात बजे के करीब मूनाकोट विकासखंड के खरक्यूड़ा क्षेत्र निवासी अपनी दुल्हन लेने बारातियों संग नेपाल के पीपलकोट के लिए निकले।जैसे ही भारत-नेपाल सीमा स्थित झूलापुल पहुंचने पर एसएसबी जवानों ने सीमा बंद होने की जानकारी दी। जिससे बारातियों में हड़कंच मच गया। बॉर्डर पर बताया गया कि अब सीमा तीन दिन बाद यानी 14 फरवरी की शाम छह बजे खुलेगी. इसके बाद दूल्हा समेत पूरी बारात ने झूलापुल के समीप ही जमीन पर बैठकर जिला प्रशासन से झूलापुल खोलने की गुहार लगाने लगी। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट में जिला प्रशासन ने सिर्फ बारात को रवाना करने के लिए उच्चस्तरीय अफसरों से बातचीत के बाद झूलापुल खुलवाया और पांच घंटे बाद प्रशासन थोड़ा ढीला हुआ और बारात को जाने की अनुमति मिली.
ऐसे में प्रभारी तहशीलदार ने ‘नेशनल वाणी’ से कहा, दूल्हे पक्ष के आग्रह के बाद प्रशासन ने 127 बारातियों को नेपाल रवाना किया. बाराती वापस लौटने के दौरान कुछ देर के लिए फिर से झूलापुल खोला जाएगा. दूल्हे पक्ष के आग्रह पर कुछ देर के लिए भारत-नेपाल सीमा खोली गई। दूल्हा सहित करीब 127 बारातियों को भी नेपाल भेजा गया है। बारात वापसी के दौरान भी कुछ देर के लिए झूलापुल खोला जाएगा। लेकिन, दूल्हा जगदीश सिंह को भी याद रहेगी अपनी शादी कैसे कितना जतन के बाद दुल्हन को लेने पहुंचा. वहीं बारातियों के लिए भी यादगार बारात रहेगी.




