विधायक जी का खुले आम विरोध…लोग बोले..किया है तो सुनना तो पड़ेगा ही
सुल्तानपुर : मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजेश गौतम को अपने ही क्षेत्र में जनता का विरोध का सामना करना पड़ा. यूपी चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर बगावत सिर्फ सपा-बसपा और कांग्रेस में ही नहीं बीजेपी में भी है। सुल्तानपुर में कादीपुर सुरक्षित सीट पर दुबारा विधायक राजेश गौतम को प्रत्याशी बनाए जाने पर बीजेपी की अंतर्कलह सामने आई है। यहां दो बूथ अध्यक्ष और दो महामंत्री ने अपना लिखित त्याग पत्र बीजेपी जिलाध्यक्ष को भेजा है। वहीँ विधायक जी के विरोध का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
देखिये वायरल हुए वीडियो में जनता का विरोध-
भारतीय जनता पार्टी की जारी सूची में बीजेपी नेतृत्व ने सुल्तानपुर की कादीपुर सुरक्षित सीट से विधायक राजेश गौतम के नाम मुहर लगाई थी। राजेश ने 2017 में मोदी लहर में बीएसपी के भगेलू राम को हराया था। लेकिन इस बार खुद उनकी मुश्किलें बढ़ी गयीं हैं. क्षेत्र में नदारद रहने और विकास कार्य न के बराबर करने को लेकर जहां भारी विरोध है वही पार्टी में भी उनका विरोध शुरु हो गया है। टिकट फाइनल होते ही हरपुर बूथ अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह, मेवालाल चौहान, अखंडनगर के मंडल महामंत्री माधव राम वर्मा और अखंडनगर के महामंत्री सुनील कुमार मौर्या ने अपना-अपना त्याग पत्र बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा को भेजा था। इसके फौरन बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष मान मनौवल को भी क्षेत्र में पहुंचे थे। वही सोशल मीडिया पर भी विधायक को लेकर क्षेत्र में विरोध दिख रहा है, 2017 में राजेश ने बहुजन समाज पार्टी के (बसपा) भगेलू राम को पराजित किया था लेकिन इस बार वही भगेलू राम हाथी से उतर कर साइकिल में चढ़ गए और अब समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर राजेश गौतम के सामने खड़े हैं चुनाव में.
आज तक सुरक्षित सीट रही है कादीपुर-
गौरतलब है कादीपुर सीट 1957 से लेकर आज तक सुरक्षित सीट रही है। इससे पहले यहां के मतदाता दो विधायक चुनते थे एक सामान्य और एक अनुसूचित जाति का। आपको बता दें कि 1952 से लेकर 1989 तक यहां 11 बार कांग्रेस का विधायक हुआ करते थे. लेकिन उसके बाद बसपा और सपा के विधायक ने ही अपना परचम लहराये रखा. फिर 2017 में मोदी लहर में भाजपा ने पूरे प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनायी. यहाँ से भी भाजपा के राजेश गौतम जीते. क्षेत्रवासियों की माने तो जीत के बाद राजेश गौतम का यह इतिहास रहा है कि किसी भी गाँव मे कभी जनता का सुख-दुःख का हाल नही लिया। अब विरोध शुरू हो गया है विधायक जी का. आज यहाँ विरोध देखा कल पता नहीं किस मोहल्ले में देखने को मिलेगा.