भाजपा सरकार की जीएसटी फेल: जनता की परेशानी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की चेतावनी साबित हुई सही

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बेशर्मी से अपनी पीठ थपथपाने का काम करने के बजाए डोईवाला विधायक पिछले कुछ सालों में “गब्बर सिंह टैक्स” से हुए नुकसान की भरपाई करें  – मोहित उनियाल
डोईवाला :परवादून कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल ने जीएसटी बदलाव पर अपना बयान जारी कर कहा की भाजपा सरकार ने जुलाई 2017 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू किया था, जिसे “गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स” के रूप में प्रस्तुत किया गया था। हालांकि, यह प्रणाली शुरू से ही जटिलताओं और समस्याओं से घिरी रही।
भाजपा सरकार की प्रमुख गलतियाँ:
1. अत्यधिक कर स्लैब्स (Multiple Tax Slabs): जीएसटी की शुरुआत में 0%, 5%, 12%, 18%, 28%, और 40% जैसे कई कर स्लैब्स थे, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भ्रमित किया गया।
2. तकनीकी समस्याएँ: जीएसटी पोर्टल में बार-बार तकनीकी गड़बड़ियाँ आईं, जिससे रिटर्न भरने में कठिनाई हुई और व्यापारियों को परेशानियाँ झेलनी पड़ीं।
3. इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की समस्याएँ: व्यापारियों को ITC प्राप्त करने में समस्याएँ आईं, विशेषकर तब जब उनके आपूर्तिकर्ता ने सही तरीके से रिटर्न नहीं भरा।
4. राज्य सरकारों को क्षतिपूर्ति का अभाव: कई राज्य सरकारों को जीएसटी के कारण राजस्व में कमी आई, और केंद्र सरकार ने उन्हें समय पर क्षतिपूर्ति नहीं की।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भूमिका:
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुरू से ही जीएसटी की संरचना और इसके प्रभावों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इसे “गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स” की बजाय “ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स” व “गब्बर सिंह टैक्स” करार दिया था। उनका कहना था कि यह प्रणाली छोटे व्यापारियों और गरीबों के लिए हानिकारक है और बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाती है। उन्होंने इस प्रणाली को “आर्थिक अन्याय और कॉर्पोरेट पक्षपातीकरण का उपकरण” बताया था। उन्होंने पहले ही जीएसटी कर स्लैब्स को घटाकर 5% और 18% करने का सुझाव दिया था।
उनकी आलोचनाओं और सुझावों के मद्देनज़र, भाजपा सरकार ने सितंबर 2025 में जीएसटी 2.0 की घोषणा की। इसमें कर स्लैब्स को घटाकर 5% और 18% किया गया, जिससे कर प्रणाली को सरल और व्यापारियों के लिए कम जटिल बनाया गया। जीएसटी पोर्टल में सुधार किए गए हैं ताकि व्यापारियों को रिटर्न भरने में आसानी हो।
ये सुधार भाजपा सरकार की पहले की नीतियों की विफलता को छिपा नहीं सकते। राहुल गांधी के समय-समय पर उठाए गए मुद्दों और सुझावों ने इन सुधारों की दिशा निर्धारित की।
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि जीएसटी को सरल, पारदर्शी और व्यापारियों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए, ताकि यह वास्तव में “गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स” के रूप में कार्य कर सके।
उनियाल ने कहा की डोईवाला विधायक व्यापारियों से मिलकर जीएसटी सुधार पर बेशर्मी से अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रहे हैं । मगर ये साफ हो चुका है कि अब इससे कुछ होने वाला नही है । जनता अब जागरूक हो चुकी है, गब्बर सिंह टैक्स से व्यापारियों को करोड़ो का नुकसान हुआ है,उसकी भरपाई कौन करेगा ?अगर भाजपा नेता व डोईवाला विधायक सच मे जनता के साथ हैं तो प्रत्येक व्यापारी से मिलकर पिछले कुछ सालों में “गब्बर सिंह टैक्स” से हुए नुकसान की भरपाई करें ।

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