भाजपा ने दिया सोनिया गाँधी को टिकट, कांग्रेस की चिंता बढ़ी, जानें

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सोनिया गाँधी, भाजपा प्रत्याशी

(एलिफेंटा एम्.एम्. की रिपोर्ट) कहते हैं नाम में क्या रखा है….ये बात शेक्सपियर ने कही थी…लेकिन भारतीय राजनीती में नाम बहुत कुछ काम करता है. ऐसा ही देखने को मिल रहा है.  बीजेपी के ट‍िकट पर केरल में चुनाव लड़ रही सोनिया गांधी. जी हाँ…..केरल के इडुक्की जिले के मुन्नार में पंचायत चुनाव होने हैं. इस चुनाव से पहले एक नाम है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इस नाम ने पूरे प्रदेश से लेकर देशभर में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह नाम सोनिया गांधी है. जी हां, सही पढ़ा आपने. एक और दिलचस्प बात ये है कि सोनिया गांधी भाजपा के टिकट पर पंचायत चुनाव लड़ रही हैं. इस नाम की महिला के चुनाव लड़ने की जानकारी जैसे सामने आई चुनाव चर्चा में आ गया. वो भी भाजपा ने टिकट दिया है.  लोगों ने जब पहली बार ये नाम सुना तो उन्हें लगा कि ये कोई गलती है या फिर संयोग. लेकिन स्थानीय राजनीति में यह नाम एकदम सच है और इसी वजह से अब मुन्नार में होने वाले पंचायत चुनाव आम लोगों के बीच दिलचस्प बन गए हैं.मिली जानकारी के अनुसार, सोनिया गांधी स्वर्गीय दूरराज की बेटी हैं. जो कांग्रेस के सीनियर लीडर थे. एक समय था जब उनके पिता ने सोनिया गांधी की तारीफ में अपनी बेटी का यह नाम रखा था. सोनिया की शादी सुभाष से हुई है. वह बीजेपी के एक सक्रिय नेता हैं. सोनिया गांधी मूल रूप से नल्लथानी कल्लार की रहने वाली हैं और वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय दुरे राज की बेटी हैं. सोनिया ने शादी के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था. सोनिया के पति सुभाष भी भाजपा के सक्रिय नेता और पंचायत महासचिव हैं.

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केरल के स्थानीय निकाय चुनाव दो फेज में होंगे. वोट डालने की तारीखें 9 और 11 दिसंबर तय की गई हैं, जबकि परिणाम 13 दिसंबर को सामने आएंगे. ये चुनाव आगामी विधानसभा दंगल से ठीक पहले हो रहे हैं, इसलिए इन्हें ‘सेमीफाइनल’ का दर्जा दिया गया है. वहीं, कांग्रेस की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. कांग्रेस को ‘सोनिया’ नाम की कैंडिडेट से हार का खतरा मंडरा रहा है. कुल मिलाकर, यह रणनीति विपक्षी दलों की नींद उड़ा रही है. कांग्रेस का पूरा जोर इन लोकल बॉडी चुनावों में मजबूत प्रदर्शन पर है, ताकि सत्ता संभाले एलडीएफ पर मानसिक दबाव बन सके और विधानसभा चुनावों में फायदा मिल सके.

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केरल के स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में होंगे. वोट डालने की तारीखें 9 और 11 दिसंबर तय की गई हैं, जबकि परिणाम 13 दिसंबर को सामने आएंगे. ये चुनाव आगामी विधानसभा दंगल से ठीक पहले हो रहे हैं.  वहीं, कांग्रेस की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. कांग्रेस को ‘सोनिया’ नाम की कैंडिडेट से हार का खतरा मंडरा रहा है. कुल मिलाकर, यह रणनीति विपक्षी दलों की नींद उड़ा रही है. कांग्रेस का पूरा जोर इन लोकल बॉडी चुनावों में मजबूत प्रदर्शन पर है, ताकि सत्ता संभाले एलडीएफ पर मानसिक दबाव बन सके और विधानसभा चुनावों में फायदा मिल सके. अब यह देखना होगा सोनिया गाँधी क्या जीत हासिल कर पाती है.

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