बागेश्वर : भब्य होगा उत्तरायणी मेला…14 जनवरी को सरयू आरती के साथ ही दीपदान व स्टार नाइट कार्यक्रम भी आयोजित होंगे, डीएम ने मेले के मामले में ली महत्वपूर्ण बैठक

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बागेश्वर : कुमाऊं की काशी कहे जाने वाले बागेश्वर जनपद में उत्तरायणी मेले को भव्य रूप दिया जाएगा। राज्य का सबसे बड़े मेले में से एक है यह मेला. कुमाऊं गढ़वाल से मेले में लोग आते हैं. 14 जनवरी को सरयू नदी के तट पर आरती के साथ ही दीपदान व स्टार नाइट कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। जिलाधिकारी अनुराधा पाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय में आयोजित हुई महत्वपूर्ण बैठक यह निर्णय लिया गया।उत्तरायणी मेले का वृहद प्रचार-प्रसार बैनर, होल्डिंग के साथ ही सोशल मीडिया पर झिंगल व वीडियों के माध्यम से भी किया जायेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग मेले में आ सकें। उत्तरायणी मेले के दौरान राज्य स्तरीय ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता भी आयोजित होगी, साथ ही बॉलीबॉल, दंगल, कबड्डी इत्यादि खेलों का भी आयोजन होगा।

नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने बताया कि मेले के सफल संचालन हेतु सभी समितियों की बैठके नियमित आयोजित की जा रही है। प्रचार-प्रसार हेतु बागेश्वर नगर के साथ ही कौसानी, बैजनाथ, अल्मोंडा, हल्द्वानी, काठगोदाम आदि स्थानों पर फ्लैक्सी व होल्डिंग लगाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि आमंत्रण पत्र के साथ कार्यक्रम के ब्रोसर भी शीघ्र तैयार कर अतिथि को आमंत्रण हेतु भेजे जायेंगे। बताया कि उत्तरायणी मेले शुभारंभ दिवस पर भव्य सांस्कृतिक झांकी निकाली जायेंगी, जिसमें स्कूली बच्चों के साथ ही सांस्कृतिक,छोलिया व झोडा, चांचरी दलों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। बैठक में विभिन्न समितियों द्वारा की जा रही तैयारियों पर भी विस्तृत चर्चा की गयी।

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बैठक में पुलिस अधीक्षक हिमांशु वर्मा, अपर जिलाधिकारी सीएस इमलाल, मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, उपजिलाधिकारी हरगिरि, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेम तिवारी, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सतीश कुमार, सभासद प्रेम सिंह हरडिया, दीपक खेतवाल, जयंत भाकुनी, भुबन काण्डपाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

उत्तरायणी मेला:
उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर शहर में आयोजित होता है। तहसील व जनपद बागेश्वर के अन्तर्गत सरयू गोमती व सुष्प्त भागीरथी नदियों के पावन सगंम पर उत्तरायणी मेला बागेश्वर का भव्य आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सगंम में स्नान करने से पाप कट जाते है बागेश्वर दो पर्वत शिखरों की उपत्यका में स्थित है इसके एक ओर नीलेश्वर तथा दूसरी ओर भीलेश्वर शिखर विद्यमान हैं बागेश्वर समुद्र तट से लगभग 960 मीटर की ऊचांई पर स्थित है। मेला बागेश्वर शहर में आयोजित क्षेत्र में शहर होने के कारण मूलभूत सभी सुविधाएं अपलब्ध है। यहाँ पर होटल रेस्टोरेन्ट पी.सी.ओ. बैक, पोस्ट आफिस पेट्रोल पम्प बाजार आदि की सुविधाएं उपलब्ध है।

कार्यक्रम—
उत्तरायणी मेला सम्पूर्ण कुमायुं का प्रसिद्ध मेला है। मेला अवधि में संगम तट पर दूर-दूर से श्रद्धालु, भक्तजन आकर मुडंन, जनेंऊ सरंकार, स्नान पूजा अर्चना करते है तथा पुण्य लाभ कमाते है विशेषकर मकर संक्रान्ति के दिन प्रातःकाल से ही हजारों की संख्या में स्त्री पुरूष बच्चे बूढें महिलाऐ संगम में डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि वर्ष में सूर्य छः माह दक्षिणायन में व छः माह उत्तरायण में रहता है। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है इस समय संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। मेला अवधि मे बाहर से आये हुये कलाकारों द्वारा विशेष नाटकों का आयोजन होता है स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता हैं। दिन में शैक्षिणिक संस्थानों के बालक बालिकाओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं।

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आवागमन–
मेला शहर में आयोजित होने के कारण मोटर मार्गों से जुडा हुआ है पहाडी क्षेत्र होने के कारण यहाँ आवागमन कार, टैक्सी व बसों द्वारा किया जाता है। यहाँ से कौसानी 40 कि.मी.बैजनाथ, 24 कि.मी., ग्वालदम 40 कि.मी., अल्मोड़ा 7.3 कि.मी., हल्द्वानी 160 कि.मी., पिथौरागढ 130 कि.मी., कपकोट 25 कि.मी.की दूरी पर मोटर मार्गों से जुडे हुये है यहॉ से समीपतम रेलवे स्टेशन 156 कि.मी.काठगोदाम तथा समीपतम एयरपोर्ट पंतनगर 190 कि.मी.है।

उत्त्रायणी मेला बागेश्वर कुमायुं का प्रसिद्ध व प्राचीनतम मेला है। यहॉ पर खरीद फरोख्त हेतु व्यापारी पर्यटक, श्रृद्धालु धारचूला, पिथौरागढ, अल्मोड़ा, लोहाघाट, चम्पावत, गढवाल, बरेली, बदायुं, रामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के अन्य स्थलों से आते है श्रृद्धालु दर्शनार्थी पर्यटक हजारों की संख्या में भाग लेते हैं।

कैसे पहुंचे–
बागेश्वर राज्य के अन्य मुख्य शहरों से सड़क मार्ग से जुडा है। बस, टैक्सी तथा अन्य स्थानीय यातायात की सुविधायें उपलब्ध है।

निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम 180 कि.मी.—
निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर 206 कि॰मी॰ है

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