बागेश्वर : नहीं रहे गांधीवादी नेता और राज्य की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राम प्रसाद टम्टा, सीएम धामी ने भी जताया दुःख

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बागेश्वर/देहरादून : कुमाऊं की काशी कहे जाने वाले बागेश्वर के रहने वाले और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राम प्रसाद टम्टा नहीं रहे. वह 75 वर्ष के थे. लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बागेश्वर से इलाज के लिए उन्हें हल्द्वानी में डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लाया गया था.गांधी टोपी पहने और कंधे पर झोला पूर्व मंत्री राम प्रसाद टम्टा की पहचान थी. वह सरल और मृदभाषी थे. वह उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. उनके निधन की सूचना पर समूचे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है.

1993 में पहली बार उप्र. में विधायक बने. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 में विधायक बने और समाज कल्याण मंत्री रहे. 2007 से 2012 तक कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए. 2017 में उनका टिकट कट गया. बालकृष्ण को टिकट मिलने पर भाजपा शामिल हो गए. वह 49 साल कांग्रेस में रहे.

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वहीँ उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख ब्यक्त किया है टम्टा के निधन पर, “उत्तराखंड सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री राम प्रसाद टम्टा जी के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है. ईश्वर से प्रार्थना है कि शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति और दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें”. कई कांग्रेस नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक ब्यक्त किया है.

उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड के पूर्व काबीना मंत्री राम प्रसाद टम्टा के‌ निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है। धीरेंद्र प्रताप ने स्वर्गीय  टम्टा को बागेश्वर का गांधी बताते हुए कहा है‌  कि वो सच्चे गांधीवादी थे और ज़िन्दगी भर उन्होंने सादगी और ईमानदारी का जीवन व्यतीत किया और दलितों और कमजोर वर्ग के मजबूत प्रवक्ता बने रहे।

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