ऋषिकेश : डॉक्टर श्रुति शाह की एक और बड़ी पहल, खोला होमियोपैथी पद्दत्ति से कैंसर का उपचार करने का हॉस्पिटल तपोवन में, गुरुवार को निशुल्क

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ऋषिकेश :(मनोज रौतेला) कैंसर जैसी घातक बिमारी का उपचार अब ऋषिकेश क्षेत्र में भी शुरू हो गया है. यह बड़ी पहल की है गुजरात की रहने वाली डॉक्टर श्रुति शाह ने. यहाँ न केवल हॉस्पिटल में उपचार हो सकेगा बल्कि रिसर्च भी किया जायेगा. इसके लिए उन्होंने बाकायदा नरेंद्र नगर क्षेत्र में कुंजापुरी तिराहे के पास 10 नाली जमीन भी खरीदी है. आने वाले दो तीन वर्षों में यहाँ पर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर खुलेगा. अभी गुरूवार को तपोवन में क्रियाशील आश्रम में उन्होंने हॉस्पिटल खोला है. इस हॉस्पिटल से कैंसर के मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों का भी उपचार किया जा सकेगा. गुरूवार को निशुल्क रहेगा उपचार स्थानीय लोगों के लिए. अन्य दिन कैंसर के मरीजों के लिए 100 रुपये प्रतिदिन और अन्य मरीजों के लिया 50 रुपये प्रतिदिन चार्ज रखा गया है.

कैंसर रोगियों का निशुल्क उपचार डॉ श्रुति शाह जो पिछले 22 वर्षों से प्रैक्टिस कर रही हैं. पिछले 8 वर्षों से कैंसर पर शोध भी कर रही हैं. कैंसर का इलाज करने में उनकी स्पेशलाइजेशन है. कैंसर से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के उपचार के लिए गुजरात की विख्यात संस्था प्रयास फाउंडेशन के तहत तीर्थ नगरी के क्षेत्र में तपोवन में क्रियाशील योग आश्रम में कैंसर के हॉस्पिटल का शुभारंभ कर दिया है.

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गुरुवार को कैंसर हॉस्पिटल का उद्घाटन मुनिकीरेती स्थित शत्रुघ्न मंदिर के महंत मनोज प्रपन्नाचार्य और मनोज त्रिवेदी क्रियाशील योग आश्रम के स्वामी सत्यमित्रानंद एवं प्रयास फाउंडेशन की संस्थापक डॉ श्रुति शाह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. इस दौरान मनोज द्विवेदी ने मीडिया से बात करते हुए बताया इस क्षेत्र में कैंसर जैसी बीमारियों से निजात पाने के लिए इस प्रकार के हॉस्पिटल की आवश्यकता थी. क्योंकि ऋषिकेश गढ़वाल का मुख्य द्वार ही नहीं चारों धामों से आने वाले यात्रियों के लिए प्रमुख स्थान भी है. यहां अब कैंसर की बीमारियों का भी इलाज हो सकेगा. वहीं डॉक्टर श्रुति शाह ने बताया कि उनकी संस्था प्रयास फाउंडेशन के माध्यम से देश के कई राज्यों में इस प्रकार के हॉस्पिटल चला रही है. यह हॉस्पिटल ही नहीं अपितु रिसर्च सेंटर भी है. जहां कैंसर के अतिरिक्त अन्य बीमारियों का भी उपचार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कैंसर की बीमारी को समाप्त किया जा सकता है. जिसके कारण होम्योपैथिक चिकित्सा साबित हो रही है. लेकिन यह बात जरूर है कि होम्योपैथिक चिकित्सा धीमी गति का इलाज है. किसी भी बीमारी को समाप्त करने में काफी कारगर साबित हुई है.वहीँ वहां मौजूद रितेश जैन ने कहा कि लोगों में कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या लाखों में है. परंतु कैंसर को लेकर काफी भ्रांतियां फैली है. होम्योपैथिक के माध्यम से मरीज का उपचार किया जाए तो इसे समाप्त किया जा सकता है. इसे देखते हुए उनके प्रयास फाउंडेशन संस्था के माध्यम से उपस्थित क्रियाशील योग आश्रम में होम्योपैथी एंड स्पेशलिटी कैंसर की शुरुआत किए जाने का निर्णय लिया गया है. कैंसर के मरीजों को दी जाने वाली उच्च कोटि की दवाइयों का इस्तेमाल किया जाएगा. यहाँ पर मरीजों को दवाइयां ही नहीं देंगी तो उनका उपचार किए जाने के साथ बीमारी पर अनुसंधान यानी कि रिसर्च भी किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि उनकी संस्था द्वारा मरीजों का प्रत्येक गुरुवार को निशुल्क उपचार किया जाएगा. उनका कहना था कि उनकी संस्था की ओर से देश के पास गुजरात के भावनगर अहमदाबाद. बंगाल में कोलकाता के ठाकुरपुर, महाराष्ट्र के अमरावती में भी केंद्र खोले गए हैं. उन्होंने उत्तराखंड में भी अपनी सेवा देने के उद्देश्य को लेकर इस जगह को चुना है. उनका मानना था कि किसी भी प्रकार की बीमारियों से डरने की आवश्यकता नहीं है.इस मौके पर डॉक्टर हितेश जानी, झरना द्विवेदी, सुलोचना देवी, दिवाकर चौबे समेत हॉस्पिटल स्टाफ व आश्रम के प्रतिनिधि मौजदू रहे.

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