एसबीएस यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जाना बांस, रिंगाल और प्राकर्तिक रेस और मौसमी घास से क्या फायदा होता है

सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय (SBS) ने प्रारंभ किया बीएससी फॉरेस्ट्री के फाइनल ईयर का वानिकी कार्य अनुभव कार्यक्रम

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देहरादून : राजधानी में प्रतिष्ठित सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय (SBS) ने प्रारंभ किया बी एस सी फॉरेस्ट्री के फाइनल ईयर का वानिकी कार्य अनुभव कार्यक्रम. इसके तहत सरदार भगवान सिंह विश्वविद्याल के कृषि एवम वानिकी विभाग बालावाला देहरादून के छात्रों के तहत शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया। सोमवार को वानिकी कार्य अनुभव के तहत फॉरेस्ट्री के छात्रों का शैक्षणिक भ्रमण में कार्यक्रम प्रभारी अनिल पंवार, डॉ दीपिका चौहान और हेमलता भट्ट के नेतृत्व में किया गया, इस दौरान अंतिम तथा प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र छात्राओं ने सोमवार को इंदिरानगर देहरादून स्थित उत्तराखंड बांस एवम रेशा विकास परिषद का शैक्षणिक भ्रमण पूरा किया और परिषद द्वारा संचालित बांस, रिंगाल, प्राकृतिक रेशे एवम मौसमी घास से निर्मित उत्पादों का प्रचार प्रसार एवम विक्री केंद्र को छात्र एवम छात्राओं ने जाना उसी दौरान सहायक दिनेश जोशी जी मौजूद रहे जिन्होंने बांस के विभिन्न उपयोग सिखाए जैसे कि बांस का उपयोग भवन निर्माण सामग्री/निर्माण के रूप में किया जाता है. इसके अलावा जैसे निर्माण, फर्नीचर, कपड़ा, भोजन, ऊर्जा उत्पादन, हर्बल दवा आदि. इसके अलावा बांस से कई और प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं. साथ ही सजावट के सामान, इयरबड्स अन्य उत्पादों को बनाने में बांस की लकड़ी को तरजीह दी जा रही है. सरकार का उद्देश्य है कि बांस की लकड़ियों के उत्पाद को बढ़ावा देकर प्लास्टिक के सामान से लोगों की निर्भरता कम की जा सके. ऐसे में इसका बाजार आसानी से उपलब्ध है. आने वाले समय में इसका बाजार और बड़ा हो सकता है. बांस आधारित आजीविका और रोजगार को भी बढ़ावा देने पर भी काम किया जा रहा है. सरकार के इस मिशन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर जीवित करने और किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए कदम बढ़ाया जा रहा है विश्व बांस दिवस के दिन लोगों को बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए कहा जाता है। बांस के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि उन्हें शायद ही कभी दोबारा लगाने की आवश्यकता होती है। यह सबसे तेजी से बढ़ने वाले घास के पौधों में से एक है। बांस के कई उपयोग हैं, जिनमें फर्नीचर, भोजन, जैव ईंधन, कपड़े और बहुत कुछ शामिल हैं। इसलिए, आवश्यकताओं को बनाए रखने के लिए बांस की खेती बहुत महत्वपूर्ण है। बांस का उपयोग सबसे ज्यादा मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया किया जाता है।

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