गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिए जाने के मामले पर पूछने पर मोघा ने कहा, मुख्यमंत्री के सामने यह मामला रखूँगा
संत और आम जन लम्बे समय से करते आ रहे हैं मांग, गौ माता को राज्य माता घोषित हो
ऋषिकेश :(मनोज रौतेला) दर्जाधारी मंत्री सुरेन्द्र मोघा, उपाध्यक्ष राज्य पशु कल्याण बोर्ड, उत्तराखंड ने ISBT स्थित नगर निगम कार्यालय में मंगलवार को प्रेस वार्ता कर निराश्रित गौवंश को लेकर अहम जानकारी दी. साथ ही ऐलान भी किया. मोघा ने कहा मुख्यमंत्री के साथ बैठक यह साड़ी योजना बनी है.
मोघा ने बताया, ऋषिकेश के निराश्रित गौ वंश अब हरिद्वार भेजे जायेंगे. एक दो दिन में काम शरू हो जायेगा. शुरू में २०० गौवंश को भेजा जायेगा. लगभग ३ से ४ महीने के अन्दर सभी निराश्रित गौवंश हरिद्वार भेज दिए जायेंगे. यानी ऋषिकेश को आवार गौवंश से छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है. मोघा के मुताबिक़, सर्वे के मुताबिक़, ऋषिकेश शहर और ग्रामीण मिलाकर लगभग 800 से १००० के बीच गौवंश हैं. जो आवारा घूम रहे हैं. इनमें वे भी जो लोगों ने छोड़ दिए हैं, दूध निकाल कर बाहर छोड़ देते हैं. या फिर जो दूध नहीं देती तो उसको भी छोड़ दिया जाता है. इसके अलावा काफी संख्या में नंदी भी हैं. जो इंसान की जान तक ले रहे थे. साथ ही अन्य नुकसान भी कर रहे थे. मोघा ने कहा, हरिद्वार में जो रजिस्टर्ड गौ शालायें हैं. उनमें ये गौवंश भेजे जायेंगे. जो खर्चा होगा वह राज्य सरकार उठाएगी. जानकारी देते हुए मोघा ने बताया, उत्तराखंड राज्य में कुल 86 गौसदन, पशु कल्याण बोर्ड उत्तराखंड, में पंजीकृत हैं. जिसमें 75 गौसदन पंजीकृत हैं जो अपनी स्वयं की भूमि पर स्थापित है जिसमें से 11 सदन नगर निगम एवं नगर पालिका के अंतर्गत संचालित है. और पूरे प्रदेश में पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकृत गौसदनों द्वारा 16890 नंदी एवं अन्य प्रजाति के गौवंश संरक्षित किए गए हैं. जो गौसदन गोवंशों को संरक्षित कर रही है उनको गोवंशों के पालन पोषण के रूप में ₹80 प्रतिदिन प्रति दिन प्रति गौवंश, राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता की जा रही है. यानी एक गौवंश के लिए खर्चा 80 रुपये दे रही है सरकार. एक दिन के लिए एक गौवंश हेतु. उक्त के साथ ही पशु कल्याण बोर्ड उत्तराखंड की ओर से सरकार द्वारा कुल 136 ग्राम गौ सेवकहैं. जिसमें से पूरे प्रदेश में 80 ग्राम सेवकों के द्वारा निराश्रित गोवंश यानी नंदी को संरक्षित किया जा रहा है. जिसमें एक ग्राम गौ सेवक को पांच नंदी गोवंश संरक्षित करने का दायित्व सौंपा गया है. जिनके भरण पोषण हेतु ₹80 प्रतिदिन प्रति गोवंश की आर्थिक सहायता अनुमन्य की जा रही है. राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के लिए पंजीकृत गौदानों को 60 करोड रुपए अनुमन्य कराए जाने का प्रावधान किया गया है. यानी 60 करोड़ रुपये मिल गए हैं बोर्ड को राज्य सरकार की तरफ से. जिसमें से वर्तमान में 21 करोड़ 44 लाख 73, 480 का बजट गौसदनों को अवमुक्त कर दिया गया है यानी दे दिया गया है. जिससे निराश्रित गौवंश का भरण पोषण किया जा रहा है. मोघा के मुताबिक, अभियान के तहत, आगामी २६ सितम्बर को लगभग १० गाड़ियाँ गौ वंश सत्यनारायण मंदिर से रवाना होंगे हरिद्वार के लिए. पहले चरण में २०० गौवंश शिफ्ट होंगे. दो से तीन महीना बताया जा रहा है इस प्रक्रिया में लगेगा.
———————–
ऋषिकेश के निराश्रित गौवंशों के लिए –
राज्य पशु कल्याण बोर्ड उत्तराखंड की ओर से ऋषिकेश क्षेत्र के निराश्रित पशुओं के संरक्षण हेतु गौसदनों की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है. तथा दो-तीन दिनों के अंदर निराश्रित गोवंशों का नगर निगम ऋषिकेश के साथ समन्वय स्थापित कर एवं क्षेत्र की जनता एवं जनप्रतिनिधि को साथ लेकर हरिद्वार स्थित पंजीकृत गौसदनों में आश्रय दिया जाना निश्चित हुआ है……सुरेंद्र मोगा, उपाध्यक्ष राज्य पशु कल्याण बोर्ड, उत्तराखंड।
————————-
रायवाला में भूमि चिन्हित –
३५ से ४० बीघा जमीन रायवाला के प्रतीत नगर में चिन्हित की गयी है कांजी हाउस या फिर कहिये गौवंश को रखने के लिए. भूमि ट्रान्सफर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जल्द वह भूमि मिल जाएगी तो गौवंशों को वहां शिफ्ट किया जा सकेगा. उसके अलावा मुख्य नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने जानकारी देते हुए बताया, श्यामपुर स्थित जो भूमि बताई जा रही थी, वह भूमि ग्राम पंचायत की है, उसमें किसी निजी ब्यक्ति और ग्राम पंचायत की बीच कोर्ट में वाद दायर किया हुआ है इसलिए वह हमारे लिए नहीं है. प्रेस वार्ता के दौरान, महापौर शम्भू पासवान, ऋषिकेश भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, मुख्य नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल और सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट मौजूद रहे.