ऋषिकेश: गोपीचंद पी. हिंदुजा के निधन के बाद हिंदुजा परिवार पहुंचा परमार्थ निकेतन, दी नम आँखों से श्रधान्जली

- गोपीचंद पी. हिंदुजा का निधन एक युग का अंत
- स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंटकर लिया आशीर्वाद
- विशेष शांति पूजा कर अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि
ऋषिकेश, 14 नवम्बर। विश्वप्रसिद्ध उद्योगपति और समाजसेवी हिंदुजा परिवार का परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आगमन हुआ। हिंदुजा ग्रुप के वरिष्ठ सदस्यों ने पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। हिंदुजा परिवार ने मां गंगा तट पर गोपीचंद पी. हिंदुजा की आत्मा की शान्ति हेतु विशेष शांति पूजा की। हिंदुजा परिवार, भारतीय संस्कृति, धर्म और सामाजिक सेवा से सदैव हृदय से जुड़ा रहा। विश्वप्रसिद्ध उद्योगपति और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा का लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वे 85 वर्ष के थे। उनके निधन से वैश्विक उद्योग जगत, भारतीय आर्थिक समुदाय और दुनिया भर में फैले हिंदुजा समूह के हितधारकों के बीच गहरा शोक व्याप्त है। वे हिंदुजा परिवार के चार भाइयों में दूसरे थे। सबसे बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा का 2023 में निधन हो गया था। परिवार के अन्य दो भाई प्रकाश हिंदुजा और अशोक हिंदुजा समूह के विभिन्न क्षेत्रों का नेतृत्व कर रहे हैं।
व्यवसाय जगत में ‘जीपी’ के नाम से विख्यात गोपीचंद हिंदुजा ने वर्ष 1950 में पारिवारिक व्यापार में प्रवेश किया। उस समय हिंदुजा परिवार का व्यवसाय मुख्य रूप से भारत और मध्य, पूर्व के बीच व्यापारिक गतिविधियों तक सीमित था, परंतु गोपीचंद हिंदुजा की दूरदर्शिता, वैश्विक दृष्टिकोण और नेतृत्व ने कंपनी को अगले कई दशकों में एक विशाल बहुराष्ट्रीय समूह के रूप में विकसित किया। आज हिंदुजा ग्रुप 100 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।एक सशक्त शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उद्योग, सेवा और वैश्विक योगदान के लिए उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर और रिचमंड कॉलेज द्वारा मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया था। अपने जीवनकाल में उन्होंने न केवल व्यापार का विस्तार किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मानवीय कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।हिंदुजा ग्रुप वर्तमान में ग्यारह प्रमुख क्षेत्रों में कार्यरत है, जिनमें ऑटोमोबाइल, बैंकिंग एवं वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, रियल एस्टेट, ऊर्जा एवं पावर, मीडिया एवं एंटरटेनमेंट सहित कई प्रमुख सेक्टर शामिल हैं।समूह की सबसे चर्चित कंपनियों में अशोक लेलैंड, इंडसइंड बैंक आदि प्रमुख हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुजा परिवार की प्रभावशाली उपस्थिति का प्रमाण हाल ही में जारी 2025 संडे टाइम्स रिच लिस्ट भी है, जिसमें गोपीचंद हिंदुजा के परिवार को 32.3 बिलियन पाउंड की कुल संपत्ति के साथ यूके का सबसे धनी परिवार घोषित किया गया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गोपीचंद, प्रकाश ने परिवार को एक मंत्र दिया सब कुछ सबका है और कुछ भी किसी एक का नहीं। उन्होंने पूरे परिवार को आपस में जोड़े रखा। गोपीचंद हिंदुजा अपने सादगीपूर्ण व्यक्तित्व, मेहनत, दृढ़ संकल्प के धनी थे। उन्होंने हमेशा यह विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय मूल्य, व्यवस्था, वैश्विक व्यापार और मानवीय संवेदना साथ-साथ चल सकती हैं। वे एक दूरदर्शी लीडर थे। स्वामी ने कहा कि हमारे प्रिय जीपी का निधन एक अपूर्णीय क्षति है। वे प्रेरणा, अनुशासन और सेवा भाव के प्रतीक थे। गोपीचंद पी. हिंदुजा परिवार प्रधान परंपरा, वैश्विक व्यापारिक विस्तार, और भारतीय मूल्यों को विश्व, पटल पर स्थापित करने वाले अद्भुत व्यक्तित्वों में से एक थे, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि व्यापार केवल लाभ का साधन नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम भी है। उनका निधन एक युग के अंत जैसा है, किंतु उनके द्वारा स्थापित सिद्धांत, नेतृत्व, दृष्टि और मूल्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
हिंदुजा परिवार ने परमार्थ निकेतन प्रागंण में एक विशाल भंडारा का आयोजन किया। जिसमें साधु-संतों, निराश्रितों को भोजन कराया। मां गंगा के पावन तट पर विशेष शान्ति पूजा की।हिंदुजा परिवार में कहा कि परमार्थ निकेतन में आकर ऐसा लगता है जैसे हम अपने वास्तविक घर लौट आए हों। यहाँ की शांति, भक्ति और सेवाभाव जीवन को भीतर से स्पर्श करते हैं।हिंदुजा परिवार का शान्तिपूजा हेतु गंगा तट पर आगमन इस बात का प्रतीक है कि चाहे व्यक्ति कितना भी सफल या व्यस्त क्यों न हो जाए, जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता सदैव बनी रहती है। व्यापार और अध्यात्म जब एक साथ आगे बढ़ते हैं, तब समाज में समृद्धि, संतुलन और सौहार्द बढ़ता है।हिंदुजा परिवार के अशोक हिंदुजा , संजय हिंदुजा, धीरज हिंदुजा, अजय हिंदुजा, रीटा छावरिया, शालिनी हिंदुजा, सत्या हिंदुजा एवं अन्य सदस्य गणों ने सहभाग किया।



