अफरोज का सारस वन विभाग ने किया जब्त…फरोज की आँखे हुई नम

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दीपांकुश चित्रांश की रिपोर्ट-

अमेठी के मो.आरिफ व उनके सारस की कहानी को लोग अभी तक भुला भी नही पाए थे की सुलतानपुर जिले में भी कुछ ऐसा ही हो गया जी हां यह भी एक शख्स को सारस पक्षी का बच्चा तलाब के किनारे अकेला मिला तो उस व्यक्ति ने भी उसे जंगली जानवरों से बचाने के लिऐ तालाब से अपने घर ले कर चला आया और फिर क्या सारस का बच्चा इस युवक के घर की स्वीटी बन गई.

जी हां हम बात कर रहे सुलतानपुर जिले छतौना गांव की जहां के रहने वाले अफरोज को नदी के किनारे एक सारस पक्षी का बच्चा मिला जो की एकदम अकेला था अफरोज ने उसे यह सोच कर उठा लिया की नदी के किनारे जगली जानवर इस मासूम को मार न डाले अफरोज ने सारस के बच्चे को अपने घर ले आया और उसे पालना शुरू कर दिया सारस का बच्चा भी धीरे धीरे बड़ा होने लगा और वह अफरोज के घर मानो सदस्य ही बन गया घर वालो के साथ खेलता मस्ती करता और साथ ही बैठ कर खाना भी खाता अफरोज का परिवार इस मासूम पक्षी से इतना घुल मिल गया की इनका नाम ही स्वीटी रख दिया किसी को क्या मालूम की जिस स्वीटी को घर वाले प्यार कर रहे है उसे एक दिन सरकारी महकमा अपने साथ लेकर चला जायेगा और घर में पसर जायेगा मातम, जी अफरोज के घर एकाएक वन विभाग की टीम पहुंची है और अफरोज के परिवार के सामने उनकी प्यारी स्वीटी को लेकर चली जाती है परिवार मिन्नते मांगते फरियाद करते है गुस्सा भी करते है पर सरकारी महकमा उनकी एक नही सुनता है और स्वीटी (सारस पक्षी) को लेकर चले जाते है.

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अफ़रोज़ की आंखे यह कहकर नम हो जाती है स्वीटी जब अभी उड़ नही पाती है जब वो उड़ने लगेगी तो वो उसे खुद छोड़ देगा घर के बच्चे भी स्वीटी के जाने से मायूस है तो वही दूसरी तरफ वन विभाग अपनी सफाई देते हुए कह रहा है की वन्य जीव अधिनियम 1972 के अंतर्गत किसी भी राज्य पक्षी को पालना कानून के खिलाफ है इस लिए सारस को यहां लाया गया है और इसे पक्षी विहार भेजने की तैयारी की जा रही है।

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