ऋषिकेश एम्स में 56 संविदा कर्मचारियों के निकाले जाने का मामला, प्रशासन ने दिया पुलिस को पत्र

गुरूवार को तीन के बजाये तो २ नंबर गेट पर धरना प्रदर्शन किया गया

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  • धरनारत 56 कर्मियों में से 3 महिला कर्मी भी  हैं, सभी के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है, अधिकतर इनमें तकनीशियन हैं 
ऋषिकेश :  एम्स ऋषिकेश प्रशासनिक अधिकारी द्वारा चौकी प्रभारी को अस्पताल परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ज्ञापन/पत्र  दिया गया । जबकि कर्मचारियों का कहना है कि संस्थान ही उनको जबरदस्ती मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। कर्मचारी शांतिपूर्वक निदेशक कार्यालय के बाहर पर निदेशक के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी ने भी यह बात कही है कि संविदा कर्मचारियों के कार्यकाल विस्तार पर अभी निर्देश सक्षम अधिकारी के पास विचाराधीन है, सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति में निर्णय नहीं लिया जा सकता, जब वह वापस आएंगे तब उनके आदेश अनुसार निर्णय लिया जाएगा ।
कर्मचारियों का कहना है कि यह केवल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा माहौल खराब किया जा रहा है और गलत आरोप कर्मचारियों के ऊपर लगाए जा रहे हैं । कर्मचारी अस्पताल परिसर पर बैठे ही नहीं थे, वह शिक्षा संस्थान के भीतर निदेशक कार्यालय के बाहर पर शांतिपूर्वक निर्णय का इंतजार कर रहे थे । पुलिस और गार्ड्स द्वारा भी समय समय पर फोटो खींचकर वहां से भेजी गई है और वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे को भी आप देख सकते हैं ।कर्मचारियों पर लगाया गया यह झूठा आरोप सरासर निराधार है जिसकी हम घोर निंदा करते हैं।आज हमें गेट नंबर 3 पर प्रवेश नहीं दिया गया ना ही वहां एकत्रित होने दिया गया जिससे सभी कर्मचारी गेट नंबर 2 पर एकत्रित हुए और वहीं पर निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। संस्थान के किसी भी अधिकारी ने कर्मचारियों को अभी तक कोई भी लिखित आदेश प्राप्त नहीं किया , बस न्यूज़ में जनसंपर्क अधिकारी ने दिया है कि कार्यकाल अभी सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों के लिए विचाराधीन है जिस कारण सभी कर्मचारी सकारात्मक आदेश का इंतजार कर रहे हैं ।

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