दुनिया जन्म दिन पर केक काटने में ब्यस्त रहती है तो एक आचार्य ने गौ सेवा कर दिया समाज में खास सन्देश

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  • यह सब हम अखिल भारतीय सीताराम परिवार के तत्वाधान में  राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य श्रीमद् जगद्गुरु योगानन्दाचार्य दयाराम देवाचार्य महराज के प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में ही कर रहे हैं: आचार्य नितीश चन्द्र खंडूरी 
  • दुनिया केक काटने और मोमबत्ती फूंक मार कर ताली पीटने में मशगूल रहती है, तो आचार्या ने गौ सेवा कर अपने दिन की शुरुवात कर दिया अलग सन्देश 
ऋषिकेश : (मनोज रौतेला) आज के भौतिक समाज में लोग  जब जन्म दिन पर केक काटने और मोमबत्ती फूंक मार कर बुझाने का काम करते हैं. फिर दोनों हाथों से ताली पीट पीट कर उल्लास में खो जाने का ढोंग जैसा कृत्कय करने को मजबूर  हों…. जो की  यह प्रचलन कुछ वर्षों से चला आ रहा है. बाजार को मजबूत करने और अपने मुताबिक़ या तरह से हांकने के लिए कर रहे हों….या कहिये,  इस तरह  की चीजें समाज के अन्दर घुसाई गयी थी जो आज घर-घर पैठ कर चुकी है..लोग वही केक और फूंक मार कर मोमबत्तियां बुझाने के बाद हर्षित हो जाते हैं. कि हमने जन्म दिन मना लिया. लेकिन एक आचार्या ऐसे भी हैं जो तपोवन में रहते हैं और वे हर अपने  जन्म दिन पर गौ सेवा कर अपना जन्म दिन मनाते हैं. आज से नहीं बल्कि वर्षों से. उनके इस सन्देश से समाज को एक अलग तरह का सन्देश दिया है. सनातन धर्म में पैदा होने वाला हर ब्यक्ति उनके इस पहल से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है…. यानी, देव भाषा में कहें तो, “धर्मो रक्षति रक्षितः” एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है “जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी रक्षा धर्म करता है” या “जो धर्म का पालन करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है” वही बुधवार को आचार्य ने  किया. जिसे देखकर हर कोई हैरान था और सोचने पर मजबूर था. आंखिर सोच तैरती हुई महसूस हुई कई मनों में, कि क्या ऐसा भी किया जा सकता है क्या ?  जन्म दिवस पर…
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सुबह पूजा पाठ करने के बाद आचार्य नितीश चंद्र खण्डूरी ने  तीर्थ नगरी ऋषिकेश स्थित कैलाश गेट के निकट भजनगढ़ में श्री सुदामा गौशाला में  अपने आत्मीयजनों, सहयोगियों की उपस्थिति में  प्रातः काल गौ माता को स्वयं अपने हाथों से हरा चारा वितरण किया.  श्रीवास्तव द्वादशी के अवसर पर सर्वप्रथम सवत्सा गौ माता का पूजन किया.  धार्मिक संस्कृति सादगी पूर्ण ढंग से सनातन  सात्विक परंपरा से अपना 35वां जन्मदिन मनाया. गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त किया.
पंडित भानु मिश्रा का स्नेह प्राप्त करते हुए गीता आश्रम में
तत्पश्चात गौ भक्तों का स्नेह आशीर्वाद प्राप्त किया. इस अवसर पर स्वर्गाश्रम डालमिया कोठी  वाले महाराज परम गौ भक्त पूज्य गुरुदेव  गुरु चरण मिश्रा  का आशीर्वाद प्रसाद भी प्राप्त हुआ. गीता आश्रम के संचालक में भानु मित्र शर्मा  ने भी अपना इसने आशीर्वाद प्रदान किया. उन्हें पटका पहना कर उनका स्वागत अभिनंदन भी किया. आचार्य ने,   अपने को सौभाग्यशाली बताया तीर्थ में रहने का यही हमारा पूर्ण फल है. सबसे बड़ा लाभ है कि हमको इस अवसर पर गौ माता की सेवा आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. अखिल भारतीय सीताराम परिवार प्रदेश महामंत्री या नमामि नर्मदा संघ प्रदेश सचिव स्वयंसेवक के तौर भी वे सेवा दे रहे हैं समाज में. उन्हूने नेशनल वाणी (हिंदी) से बात करते हुए,  बताया कि यह सब हम अखिल भारतीय सीताराम परिवार के तत्वाधान में  राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य श्रीमद् जगद्गुरु योगानन्दाचार्य दयाराम देवाचार्य महराज के प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में ही कर रहे हैं. इस अवसर पर सुदामा गौशाला की संचालक, कमला देवी, रमेश सिंह अधिकारी, बीना अधिकारी, भूमिका अधिकारी संगीतकार दीपक सेमवाल और सबसे ख़ास सैकड़ों गौ वंश  की मौजूदगी विशेष तौर पर रही.
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