बागेश्वर के डंगोली क्षेत्र में जंगल में आग लगी, वन कर्मी और पुलिस पहुंची बुझाने पेड़ पौधों के टहनियां तोड़ कर, हद है कब सुनेगी सरकार ?

ये पौधे पेड़ों की टहनियों से जंगल की आग बुझती है क्या ? सरकार को सुविधाएँ मुहैया करना चाहिए महकमों को

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बागेश्वर :  दो दिन पहले ही चार वन कर्मियों की जान गयी है वनाग्नि से. लेकिन सरकार, महकमा अभी भी नहीं सुधरा. न किसी को होश है.   शनिवार को  को थाना बैजनाथ को चौकी डंगोली क्षेत्र में जंगल में आग लगने की सूचना मिली।सूचना पर तत्काल थाना बैजनाथ पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आग चौकी डंगोली क्षेत्र के जंगल में लगी हुई थी। पुलिस टीम द्वारा वन विभाग के कर्मियो के साथ संयुक्त रुप से त्वरित कार्यवाही करते हुए आग को पीट-पीटकर बुझाया गया तथा आग को काबू किया, जिससे आग को पूर्ण रूप से बुझाया गया।
तारीफ है पुलिस कर्मियों वन कर्मियों की जो  अपनी जान पर खेल कर हाथों में पेड़ पौध्नो की टहनियों को तोड़ कर वे बुझा रहे हैं. कहाँ हैं आपके औजार, कहाँ है आपकी आधुनिक तकनीकी, कहाँ हैं सुविधाएँ, यूनिफार्म, ग्लव्ज, वाटर टैंकर, वाटर बैग, इत्यादि  कुछ नहीं……. ये तस्सूवीरें सरकारी महकमे के हैं न की गाँव वालों के…..वनाग्नि को लेकर खाली  ढोल पीटते जाओ. पिछले तीन महीने से कई आदेश, कई निर्देश निकल चुके हैं. हेलीकाप्टर लगा दिए. लेकिन ढाक के तीन पात. ऐसे बुझती हैं क्या आग ? न कोई सुविधा है आग बुझाने की न कोई ढंग का औजार.  ऐसा ही हाल वन विभाग का भी है. बुझ जाएगी ऐसे ही टहनियों से छपाक छपाक करते रहो …..चार वन कर्मी अपनी जान गँवा चुके हैं. लेकिन सरकार के पास अभी भी कोई प्लान नहीं है. कैसे वनाग्नि को रोका जाये. समिति, रिपोर्ट भेजो, बैठक..दौरे बस यही चल रहा है. धरातल पर राम भरोसे. ….लोग भुनते रहेंगे जैसे अल्मोड़ा चारों कर्मी की जान चली गयी. राज्य  सरकार को गंभीरता से इस विचार करना चाहिये.

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