ऋषिकेश: तपोवन में पौराणिक शिव दुर्गा मंदिर में सामूहिक वैदिक यज्ञ पूजन का आयोजन हुआ अखिल भारतीय सीता राम परिवार की तरफ से, देश विदेश से पहुंचे भक्त



- तपोवन स्थित पौराणिक शिव दुर्गा मंदिर में शानदार सामूहिक वैदिक यज्ञ पूजन का आयोजन हुआ
- प्रकृति मंगलम् एवं जनकल्याण की सद्भावना से अखिल भारतीय सीताराम परिवार के सदस्यों द्वारा आयोजित हुआ शानदार धार्मिक कार्यक्रम
- मंदिर प्रांगण में सभी ने मिलकर प्रकृति पर्यावरण संरक्षण हेतु औषधीय, फलदार वृक्षों का मंत्रोच्चारण पूर्वक रोपण किया
- यहां पर वेद वेदांत शास्त्रीय संगीत, योग ,ध्यान एवं सनातन साहित्य की वैदिक आध्यात्मिक शिक्षा भी ग्रहण करते हैं
- आचार्य नितीश खंडूरी के मुखार्बिंदु से गूंजे मंत्र अग्नि के सम्मुख
- अखिल भारतीय सीताराम परिवार की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला सेमवाल और शिक्षाविद सुधा रानी जैसे गणमान्य लोग रहे मौजूद, पौधारोपण भी किया
- बेलारूस की संगीता और रूस की मनोहरी दास भी रही मौजूद

ऋषिकेश : मंगलवार को तीर्थ नगर ऋषिकेश तपोवन स्थित पौराणिक शिव दुर्गा मंदिर में, प्रकृति मंगलम् एवं जनकल्याण की सद्भावना से अखिल भारतीय सीताराम परिवार के सदस्यों द्वारा सामूहिक वैदिक यज्ञ पूजन का आयोजन किया गया. जिसमें देश और विदेश से आये हुऎ भक्तजन भी उपस्थित रहे. भाद्रपद मास की अजा एकादशी के पावन अवसर पर पवित्र मंदिर दरबार में प्रात:काल आरती पूजन कर शालिग्राम भगवान का अभिषेक के पश्चात सामूहिक हनुमान चालीसा भजन कीर्तन के साथ 10:00 बजे से यज्ञ आरंभ हुआ. जिससे तपोभूमि का वातावरण शुद्ध पवित्र हो गया. जिसमें नवग्रह शांति के लिए एवं विश्व अभ्युदय की भावना से देवी देवताओं की निमित्त खैर, गूलर बेल आंक, पीपल आम की समिधाओ के साथ आहुतियां प्रदान की गई. मंदिर के मुख्य पुजारी तीर्थ पुरोहित आचार्य नितीश चंद्र खंडूरी के तत्वाधान में भक्तों ने यज्ञ नारायण भगवान की आरती उतारी एवं आशीर्वाद प्रसाद ग्रहण किया. तत्पश्चात मंदिर प्रांगण में सभी ने मिलकर प्रकृति पर्यावरण संरक्षण हेतु औषधिय, फलदार वृक्षों का मंत्रोच्चारण पूर्वक रोपण किया. वृक्षों पर रक्षा सूत्र बांधे जिसमें केला, बेल ,अमरूद, आंवला आदि पौधे रोपे गए. मंदिर के पुजारी आचार्यश्री ने बताया कि विगत 10 वर्षों से मंदिर में निरंतर सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा हेतु जनकल्याण की भावना से यज्ञ अनुष्ठान वैदिक कार्य ब्राह्मण संतों की उपस्थिति में समय समय पर आयोजित किए जाते हैं. जहां देश दुनिया के भक्तजन आकर पवित्र शुद्ध वातावरण का आनंद लेते हैं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं. यहां पर वेद वेदांत शास्त्रीय संगीत, योग ,ध्यान एवं सनातन साहित्य की वैदिक आध्यात्मिक शिक्षा भी ग्रहण करते हैं.




