तपोवन में विश्वशांति के लिए 8वां पंचांगनी साधना का विधि विधान के साथ हुआ समापन
१४ जनवरी २०२४ से गुरुजी परमहंस अबधूत स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा पंचाग्नि साधना की जा रही थी, जिसका समापन आज 18 मई 2024 को आश्रम मे किया गया

मुनि की रेती : (मनोज रौतेला) संत बहुत हुए हैं…बहुत देखे देश दुनिया में….लेकिन ऐसे तपस्वी संत बहुत कम होते हैं दुनिया में. जो विश्व शांति के लिए अपने को तपा कर साधना कर रहा हो…वो भी चार चार धुनियों (अग्निकुंडों) के बीच. चिलचिलाती गर्मी के तपन में. हम बात कर रहे हैं परमहंस अबधूत स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज जी की.

हर वर्ष के भाती इस वर्ष भी स्वामी समर्पण आश्रम घुगतानी तपोवन मे १४ जनवरी २०२४ से गुरुजी परमहंस अबधूत स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा पंचाग्नि साधना की जा रही थी. जिसका समापन आज 18 मई 2024 को आश्रम मे किया गया | यह साधना ,साधक 4 अग्नि कुंड के बीच मे बैठा कर कठिनाइयों के साथ निरंतर और नियंत्रण के साथ करता है. समाधि तपस्या में शिव तत्त्व में मिल जाता है | गुरु जी के अनुसार यह तपस्या माँ भैरवी पार्वती जी ने शुरू की थी. भगवान भैरव शिव तत्व में मिल जाने के लिए और इससे ब्रह्म ज्ञान का साक्षातकार होता है. जीवात्मा की संसार से मुक्ति हो जाती है | यह साधना छान्दोग्य उपनिषद, शैव दर्शन, अग्नि पुराण, तंत्र शास्त्र ,अघोरी विद्या में पायी गयी है |यह साधना दश महाविद्या की तंत्र गुप्त साधना में गिनी जाती है | यह साधना अघोर विद्या भी मानी जाती है |पांच अग्नि को काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद्य के रुप में माना जाता है | यह साधना में इस पांच अग्नि को, साधना करते हुए, साधक अपने को संयम कर के वशीभूत करता है और सारे इन्द्रियों को अपने वश में करता है |यह साधना विश्व की कल्याणार्थ का मार्ग पुरुषार्थ कराता है |

शनिवार को समापन दिवस पर सैकड़ों भक्तजन इस कार्य में शामिल हुए. घुग्तानी स्थित आश्रम में विशाल साधु भंडारा का आयोजन किया गया | इस अवसर पर कैलाश आश्रम, राजस्थान आश्रम, स्वर्ग आश्रम ,हरहर कैलाश पीठ , आनंद आश्रम, राम आश्रम के साधु संत ने गुरुजी स्वामी समर्पण आनंद जी को आशीर्वाद दिया और मौन ब्रत को पान और मधु खिला कर समाप्त किया. साधु स्वामी विष्णुजी, स्वामी गोपाल आनंद ने ,गुरुजी स्वामी आदित्य तीर्थं की विशेष आशीर्वाद से इस साल पञ्चाग्नि साधना का धूम-धाम से समापन हुआ.| इस दौरान बिदेशी भक्तों ने भी प्रतिभाग किया. जिसमें मारिया स्पेन से, कैथी आयरलैंड से, मयूरी, विशिलाना रूस से इत्यादि ने प्रतिभाग किया. अन्य राज्यों से आये भक्तों में योगाचार्य कपिल, राजकुमार, राधिका, प्यारे ,गणेश नेगी, दिनेश, किरण देवी क्षेत्रः पंचायात,प्रधान भगवान पुंडरी , राजेन्द्र नेगी ट्रस्टी सदस्य , नरेंद्र बिष्ट वार्ड सदस्य, अजय सागर, स्वामी भावात्मनन्द, महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, स्वामी शंकराचार्यनंद, ओकारानंद ,स्वामी विश्वरुपानंद, रविन्द्र मिश्र, मल्लिका राउत, सोनू राउत आदि मौजूद रहे.