ऋषिकेश :68 नाली भूमि सरकार ने अधिकार में ली स्वर्गाश्रम ट्रस्ट से 

न्यायालय के आदेश पर ट्रस्ट से जिला प्रशासन ने भूमि वापस ले कर कब्जे में ली

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ऋषिकेश : कोर्ट के आदेशानुसार स्वर्गाश्रम ट्रस्ट से पौड़ी जिला प्रशासन ने करीब 68 नाली भूमि ट्रस्ट से वापस लेकर अपने अधिकार क्षेत्र में ले ली।कार्रवाई के बाद स्थानीय नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया।

यह क्षेत्र नगर पंचायत जौंक स्वर्गाश्रम के अंतर्गत उच्च न्यायालय के आदेशानुसार स्वर्गाश्रम ट्रस्ट से पौड़ी जिला प्रशासन ने करीब 68 नाली भूमि ट्रस्ट से वापस लेकर अपने अधिकार क्षेत्र में ले ली। शासन की ओर से भूमि पर अपना बोर्ड लगा दिया गया है।

नगर पंचायत जौंक के सभासद नवीन राणा ने पूर्व में जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र भेजकर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार स्वर्गाश्रम ट्रस्ट से भूमि वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। पत्र में उन्होंने अवगत कराया था कि पूर्व में ग्राम जौंक की कुल 68 नाली व 11 मुट्ठी भूमि का एक पट्टा धर्मार्थ प्रयोजन के लिए गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के अनुसार स्वर्गाश्रम ट्रस्ट स्वीकृत किया गया था। वर्ष 1999 में तत्कालीन जिलाधिकारी गढ़वाल ने आदेश जारी कर स्वीकृत पट्टे निरस्त कर दिए। निरस्तीकरण के उपरांत भी स्वर्गाश्रम ट्रस्ट ने भूमि को नहीं छोड़ा। जनवरी 2022 में उन्होंने ट्रस्ट के खिलाफ आंदोलन किया था और सरकारी भूमि के दुरुपयोग और ट्रस्ट के कार्यकलापों की जांच की मांग की थी।

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इस बीच वर्ष 2022 में ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर यह कहते हुए की कि भूमि पर साधु संतों के निवास के लिए आवास बनाए गए हैं। छह जनवरी 2022 को ट्रस्ट के तथ्यों को खारिज करते हुए स्वर्गाश्रम ट्रस्ट के विरुद्ध के नाम आदेश पारित किए गए। न्यायालय ने शासन को उक्त भूमि अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के आदेश दिए थे। मगर तत्काल समय में उस पर कार्यवाही नहीं हुई थी। स्वर्गाश्रम ट्रस्ट के पास वर्तमान में करीब ढाई हजार नाली भूमि है। सवाल उठाया कि फिर अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता क्यों पड़ रही है।

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जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल के आदेश पर तहसील प्रशासन ने शुक्रवार को संबंधित भूमि की नाप जोक शुरू कर दी थी। शनिवार को मौके पर तहसीलदार मनजीत सिंह गिल, कानूनगो रमेश बहुगुणा आदि ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। तहसीलदार ने बताया कि 68 नाली 11 मुट्ठी भूमि प्रशासन की ओर से राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में ले ली गई है। भूमि का सीमांकन करने के पश्चात इस पर सार्वजनिक बोर्ड भी लगा दिया गया है।

नगर पंचायत के अध्यक्ष माधव अग्रवाल, सभासद नवीन राणा, जितेंद्र धाकड़ आदि ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया। कहा कि इस भूमि पर सरकार और प्रशासन जनहित की योजनाओं को संचालित करें।

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