ऋषिकेश से रामेश्वरम: गौ आधारित भारत के पुनर्निर्माण की 61 दिन की ऐतिहासिक यात्रा हुई शुरू
संतों ने दी शुभकामनायें यात्रियों को, इस पहल को अहम पहल बताया गौ पालकों, गौ सेवकों और गौ रक्षा के लिए


ऋषिकेश : रविवार को ऋषिकेश के कबीर चौरा आश्रम से “गौ आधारित भारत के पुनः निर्माण की ओर” नामक 61 दिवसीय सड़क यात्रा का शुभारंभ हुआ. जो रामेश्वरम तक जाएगी। इस यात्रा का उद्देश्य देशभर में गायों और गौपालकों की कहानियों को एकत्र करना, उनकी चुनौतियों को समझना और समाधान प्रस्तुत करना है। यह पहल गांव, गौ, संस्कृति और समृद्धि के संगम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
संतों का आशीर्वाद मिला-
यात्रा को योगिराज आशुतोष जी महाराज, युवराज संत गोपालचार्य, स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत करुणाशरण महाराज, महंत आलोक हरि महाराज, महंत कपिल मुनि महाराज और महंत राजेंद्र दास महाराज सहित अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारियों ने केसरिया झंडी दिखाकर और आशीर्वाद देकर रवाना किया।
नेतृत्व और सहयोग-
इस यात्रा का नेतृत्व भारत सिंह राजपुरोहित (अध्यक्ष, जीव जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान – AWARI), नरेंद्र कुमार (संस्थापक, हिंद राइज गौ संवर्धन आश्रम और राष्ट्रीय गौसेवक संघ), और रोहित बिष्ट (संस्थापक, माटी इंडिया) कर रहे हैं। इस अभियान में प्रमुख सहयोगी हर्षद भाई गुगुलिया (संस्थापक, कामधेनु गौवेदा) हैं। यह पहल गौपालकों की जमीनी हकीकत को सामने लाने और गौ आधारित अर्थव्यवस्था व संस्कृति को पुनर्जनन देने के लिए समर्पित है।

उद्देश्य और संदेश-
यह यात्रा गायों और गौपालकों की समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ गौ आधारित जीवनशैली को भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का आधार बनाने का संकल्प लेती है। आयोजकों ने देशवासियों से इस अभियान से जुड़ने और गौ प्रेम, गौ रक्षा व गौ आधारित विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत करने का आह्वान किया है।
यात्रा का मार्ग–
61 दिनों की इस यात्रा में विभिन्न गांवों, कस्बों और शहरों में रुककर गौपालकों, किसानों और समुदायों से संवाद किया जाएगा। यह भारत की प्राचीन गौ संस्कृति को पुनर्जनन देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। भारत सिंह राजपुरोहित जी ने सभी से इस महायात्रा में शामिल होने की अपील की है। उनके अनुसार, यह यात्रा पूरे देश में गौ प्रेम, गौ रक्षा और गौ आधारित विकास के लिए एक नए युग का आरंभ करेगी।